दिल्ली के कुतुब मीनार परिसर को लेकर अब एक नया विवाद तूल पकड़ने लगा है और यह विवाद है कुतुब मीनार परिसर को मंदिर परिसर के तौर पर विकसित करने का. हिंदू समाज से जुड़े हुए लोग जहां कुतुब मीनार में रखी हुई मूर्तियों को फिर स्थापित कर परिसर में ही मंदिर बनाने की मांग कर पूजा का अधिकार मांग रहे हैं तो दिल्ली की अदालत में याचिका दायर कर मांग की जा रही है कि कुतुब मीनार के पूरे परिसर को ही मंदिर परिसर के तौर पर फिर विकसित किया जाए. दलील दी जा रही है कि कुतुबुद्दीन ऐबक ने कुतुब मीनार का निर्माण हिंदू और जैन मंदिरों को गिरा कर उसके मलबे से किया था लिहाजा इतिहास में हुई उस गलती को सुधारा जाए.


दिल्ली की कुतुब मीनार को देखने देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से सैलानी इस परिसर में पहुंचते हैं. लेकिन अब इस कुतुब मीनार को लेकर ही एक नया पक्ष सामने आने लगा है. ये पक्ष दावा कर रहा है कि कुतुब मीनार असल मायने में मंदिरों को गिरा कर खड़ी की गई एक मीनार है जिसका मकसद हिंदू सभ्यता के ऊपर आघात करने का था. लिहाजा अब उस गलती को सही किया जाए. 


एबीपी न्यूज पहुंचा कुतुब मीनार परिसर में


आखिर यह दावा क्यों किया जा रहा है यही जाने के लिए एबीपी न्यूज के संवाददाता अंकित गुप्ता पहुंचे कुतुब मीनार परिसर में. अंकित गुप्ता के साथ दक्षिणी दिल्ली के महरौली से निगम पार्षद आरती सिंह भी मौजूद थीं, जो खुद भी दावा कर रही हैं कि उनको यहां रखी मूर्तियों के पूजा का अधिकार मिले. आरती सिंह हमारी टीम को कुतुब मीनार परिसर में उस जगह पर ले गईं जहां पर गणेश की एक मूर्ति पिंजरे में रखी हुई है.


इसके बाद आरती सिंह ने हमें इस मांग के पीछे की वजह भी दिखाई. आरती सिंह हमें एक शिलालेख के पास लेकर गईं जहां पर इस बात का जिक्र है कि किस तरह से हिंदू और जैनों के मंदिरों को तोड़कर इस मीनार को और परिसर को खड़ा किया गया है.


हिंदू समुदाय से जुड़े हुए जो लोग कुतुब मीनार परिसर की जगह मंदिर परिसर के निर्माण और वहां रखी हुई मूर्तियों की पूजा करने का अधिकार मांग रहे हैं उन्हीं में से एक हैं विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हुए नेता. 


विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल का कहना है कि उनकी मांग सिर्फ तथ्यों के आधार पर है क्योंकि खुद जब कुतुब मीनार परिसर में इस बात का जिक्र है कि वहां पर मंदिरों को तोड़कर वह मीनार और परिसर को खड़ा किया गया है तो फिर आखिर वहां पर रखी मूर्तियों के साथ यह दुर्व्यवहार क्यों हो रहा है. क्यों उन मूर्तियों को लेकर पूजा का अधिकार दिया जा रहा है.


निचली अदालत में पहुंचा मामला


इस बीच ये मामला दिल्ली की निचली अदालत में भी पहुंच गया है. राम मंदिर मामले में पेश होने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने दिल्ली की साकेत कोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की है कि कुतुब मीनार परिसर को हिंदू मंदिर परिसर के तौर पर पुनर्विकसित किया जाए.


वहीं वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल मांग कर रहे हैं कि कुतुब मीनार परिसर में मौजूद मूर्तियों को वहां पर मंदिर बना कर फिर स्थापित किया जाए और पूजा का अधिकार मिले.


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