मनोनमनियम सुंदरनार विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में बुधवार (13 जुलाई, 2025) को एक पीएचडी स्कॉलर छात्रा ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि से अपनी डिग्री लेने से इनकार कर दिया. स्कॉलर ने आरोप लगाते हुए कहा, 'राज्यपाल ने तमिलनाडु के हितों के खिलाफ काम किया है.' उसके बाद स्कॉलर ने विश्वविद्यालय के कुलपति से डिग्री स्वीकार की.
स्कॉलर जीन जोसेफ ने माइक्रो फाइनेंस में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. जीन ने कहा कि उन्होंने जानबूझकर राज्यपाल से दूरी बनाए रखी. राज्यपाल आरएन रवि ने तमिल लोगों के लिए कुछ नहीं किया है. इसलिए मैं उनसे अपनी डिग्री नहीं लेना चाहती थी.
जानबूझकर लिया ये फैसला
विश्वविद्यालय समारोह के वीडियो फुटेज में जीन जोसेफ मुख्य अतिथि राज्यपाल आरएन रवि को दरकिनार करते हुए कुलपति एन चंद्रशेखर से अपनी डिग्री लेते हुए दिखाई दीं. हालांकि राज्यपाल ने सोचा कि यह एक गलती है, लेकिन स्कॉलर ने अपने हाव-भाव से जता दिया कि उन्होंने यह फैसला जानबूझकर लिया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने कहा, 'हमने सोचा कि वह कुलपति की स्टूडेंट हैं और उनसे ही यह डिग्री प्राप्त करना चाहती हैं, लेकिन बाद में हमें एहसास हुआ कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया.'
डीएमके के साथ विवाद भी कारण!
वहीं जीन जोसेफ के पति, राजन सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के पदाधिकारी हैं, जिनका राज्यपाल से टकराव चल रहा है. डीएमके ने राज्यपाल पर तमिलनाडु विधानसभा की ओर से पारित विधेयकों को मंजूरी देने में जानबूझकर देरी करने, निर्वाचित सरकार के कामों को रोकने का आरोप लगाया है.
यह तनाव तब और बढ़ गया, जब सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर निर्णय देते हुए कहा कि राज्यपाल और राष्ट्रपति के पास ऐसे मामलों में कोई विवेकाधीन शक्तियां नहीं हैं, बल्कि उन्हें मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही काम करना चाहिए.
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