भारत में डीजल और पेट्रोल की खपत में मार्च के महीने में 27 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है. जबकि एक साल पहले लगे लॉकडाउन ने ईंधन की मांग को 70 फीसदी तक कम कर दिया था. दरअसल एक साल पहले लगे लॉकडाउन के चलते सब लोग अपने घर पर रहने को मजबूर थे इसलिए बाहर ना जाने की वजह से ईंधन की मांग में कमी आई थी. जबकि मार्च 2019 में डीजल की मांग में थोड़ी कमी देखने को मिली थी. लेकिन पेट्रोल की बिक्री में 5 फीसदी का इजाफा हुआ. ये इजाफा इसलिए हुआ क्योंकि लोग डीजल की तुलना में अपनी गाड़ियों को पेट्रोल से चलाना ज्यादा पसंद करते हैं. लेकिन इस बार बाजार के आंकड़ों के मुताबिक डीजल की बिक्री में 90 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसलिए इसकी मांग बढ़कर 128 फीसदी हो गई है वहीं पेट्रोल की मांग 127 फीसदी बढ़ी है.


डीजल की खपत में इजाफा


मार्च महीने के शुरू के दिनों में डीजल की खपत में साल दर साल 7 फीसदी और पेट्रोल पर 5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. जो स्पष्ट रूप से कोरोना वायरस के समय से अब इसकी मांग में सुधार का संकेत है. वहीं जेट ईंधन की बिक्री ने भी काफी अच्छा इजाफा दर्ज किया गया है, जो कि मार्च 2020 की तुलना में 4 फीसदी ज्यादा है. लेकिन मार्च 2019 की तुलना में इसकी बिक्री अभी भी 35.6 फीसदी कम है. फिर भी इसे एक सकारात्मक संकेत इसलिए माना जा सकता है क्योंकि फरवरी में एक साल पहले इसकी बिक्री 36 फीसदी से ज्यादा कम थी. वहीं रसोई गैस की मांग एक साल पहले मार्च में 1.3 फीसदी बढ़ गई थी जबकि 2019 में केवल गैस की मांग में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ था.


लॉकडाउन के समय बढ़ी एलपीजी की मांग


एलपीजी की मांग ने लॉकडाउन के समय लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की थी. दरअसल उस समय सब लोग अपने घर में रहते थे इसलिए लगातार खाना बनाने की वजह से रसोई गैस की मांग बढ़ गई थी. वहीं राज्य के विक्रेताओं ने बुधवार को प्रति सिलेंडर 10 रुपये कम किए हैं. सिलेंडर के दाम में ये कमी चार महीनों में पहली बार की गई है.


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