Parliamentary Committee on Technology Firm: बड़ी टेक कंपनियों के प्रतियोगिता विरोधी एक्टिविटी (Anti Competitive Practices by Big Tech Companies) को रोकने के लिए संसद की स्थायी समिति ने गुरुवार को देश की बड़ी-बड़ी प्रौद्योगिकी आधारित कम्पनियों के प्रतिनिधियों को तलब किया था. यह बैठक इसलिए बुलाई गई थी ताकि ऐसी बड़ी प्रौद्योगिकी आधारित कम्पनियों की ओर से बाज़ार में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को ख़त्म करने की कई शिकायतें मिली थीं.


वित्त मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में वहां मौजूद सभी कम्पनियों के प्रतिनिधियों से प्रतिस्पर्धा बहाल रखने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में राय ली जा सके.


प्रतिस्पर्धा बनाए रखने की दी गई हिदायत


सूत्रों के मुताबिक़ बैठक में इन सभी कम्पनियों से इस मुद्दे पर अपनी राय देने को कहा गया है कि प्रतिस्पर्धा बहाल रखने के लिए क्या किसी क़ानून की ज़रूरत है? इन कम्पनियों के ख़िलाफ ऐसी शिकायत हमेशा मिलती रहती है कि ये अपना व्यापार बढ़ाने की चाह में आम दुकानों और दुकानदारों के हितों से समझौता करते हैं और एकाधिकार कायम करने की कोशिश करते हैं.


पेटीएम समेत कई दिग्गज रहे मौजूद


बैठक में पेटीएम (Paytm) के विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma), ओला (Ola) के सीईओ अरुण कुमार, मेक माई ट्रिप (Make My Trip) से चेयरमैन और चीफ मेंटर दीप कालरा, ज़ोमैटो (Zomato) के सीईओ दीपिन्दर गोयल, ओयो (Oyo) के ग्रुप सीईओ रितेश अग्रवाल, स्विगी (Swiggy) की वाइस प्रेसिडेंट अवंतिका बजाज, फ्लिपकार्ट (Flipkart) के ग्रुप सीईओ कल्याण कृष्ण मूर्ति, ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (All India Gaming Federation) के सीईओ रोलैंड लैंडर्स शामिल हुए थे.


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