राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि चीन लद्दाख में घुस आया है, लेकिन सरकार उसे रोकने या उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं कर रही. खरगे ने कटाक्ष करते हुए पूछा- '56 इंच की छाती का देश को क्या फायदा हुआ?'. उनके इस बयान पर सदन में हंगामा शुरू हो गया और बीजेपी सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया.

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वंदे मातरम पर सियासी टकरावखरगे ने वंदे मातरम के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि वह पिछले 60 सालों से यह गीत गा रहे हैं और 30-35 साल से विधायक व सांसद के रूप में इसे सदन में गाते आ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग पहले वंदे मातरम नहीं गाते थे, वे अब इसे राजनीति का हथियार बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने अधिवेशनों में वंदे मातरम गाने की परंपरा शुरू की थी और जब स्वतंत्रता सेनानी जेल जा रहे थे, तब 'जो आज देशभक्ति का प्रमाणपत्र बांट रहे हैं, वे अंग्रेजों की नौकरी कर रहे थे.' उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र और संविधान की भावना को कमजोर कर रही है.

'मोदी और शाह इतिहास को तोड़-मरोड़ रहे हैं'खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे कांग्रेस को अपमानित करने के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम को लेकर फैसला कांग्रेस नेताओं के सामूहिक निर्णय से हुआ था, जिसमें नेहरू, गांधी, मौलाना आजाद और सुभाष चंद्र बोस शामिल थे. खरगे ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी, नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. उन्होंने कहा, 'नेहरू का नाम चाहे जितना नीचे लाने की कोशिश करें, वह सबसे ऊंचे थे और रहेंगे, आप नीचे हैं और नीचे ही रहेंगे.'

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चीन और अर्थव्यवस्था पर बड़ा हमलाचीन के मुद्दे पर खरगे ने कहा कि सरकार चुप बैठी है जबकि चीन लगातार सीमा पर आक्रामक हो रहा है. उन्होंने कहा, '56 इंच की छाती तो रहने दो… चीन के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं. डॉलर इतना गिर गया, रुपये की हालत हिमालय से गिरने वाले इंसान जैसी हो गई है.' खरगे ने कहा कि पड़ोसी देशों में भारत का प्रभाव घट रहा है और चीन की पकड़ मजबूत हो रही है. उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री ने खुद 19 जून 2020 को बयान दिया था कि 'न कोई घुसा है, न घुस आया है' - जबकि वास्तविकता इससे उलट है.