Parliament Security Breach Court Production: संसद भवन में घुसकर लोकसभा में स्मोक कलर अटैक करने के मामले में गिरफ्तार आरोपियों से लगातार पूछताछ हो रही है. जांच पड़ताल के बीच मामले में गिरफ्तार एक आरोपी महेश कुमावत को आज शनिवार (23 दिसंबर) पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया.


उसकी 7 दिनों की पुलिस हिरासत आज खत्म हुई जिसके बाद कोर्ट में उसकी पेशी हुई. सुनवाई के दौरान उसके लिए कोई वकील खड़ा नहीं हुआ. इसके बाद कोर्ट ने लीगल सेल से महेश के लिए वकील उपलब्ध करवाने को कहा है.


जज ने क्या कहा?
जब महेश को कोर्ट में पेश किया गया और सुनवाई शुरू हुई तो न्यायाधीश ने देखा कि उसके लिए कोई वकील खड़ा नहीं है. इस पर न्यायाधीश ने महेश से पूछा, "क्या आपके साथ कोई वकील है? इसके जवाब में महेश ने कहा- नहीं, कोई वकील नहीं है. इसके बाद न्यायाधीश ने तुरंत लीगल सेल से वकील बुलाने को कहा है.


महेश पर क्या है आरोप
दरअसल राजस्थान के रहने वाले महेश पर आरोप है कि उसने संसद हमले में शामिल आरोपियों को ठिकाने उपलब्ध करवाए थे. उन्हें छिपाने के लिए जगह भी दी थी. यहां तक कि संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन करने वाले आरोपियों के मोबाइल फोन लेकर जब ललित झा भागा था, तब उसे भी राजस्थान में महेश ने ही छुपाया था.
 
छह लोग हिरासत में
13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर हंगामा करने के मामले में महेश के अलावा पांच अन्य लोग गिरफ्तारी के बाद हिरासत में हैं. इनमें से मैसूर का रहने वाला मनोरंजन डी, लखनऊ का सागर शर्मा, हरियाणा की नीलम आजाद, महाराष्ट्र के लातूर का अमोल शिंदे, और बिहार के दरभंगा का रहने वाला ललित झा शामिल है.  इन लोगों ने 13 दिसंबर को संसद भवन में घुसकर हंगामा खड़ा किया था.


ललित झा की निशानदेही पर जले हुए फोन की बरामदगी के बाद, पुलिस ने पहले से दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 201 (सबूत नष्ट करना/साक्ष्य गायब करना) जोड़ने का फैसला किया है. झा ने संसद के बाहर अमोल और नीलम के विरोध प्रदर्शन का वीडियो बनाने के बाद इसे कई लोगों के साथ शेयर भी किया और उन्हें इसे प्रसारित करने के लिए कहा.


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