Parliament Budget Session: राज्य सभा में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ( रूस यूक्रेन विवाद के बीच) को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी से सवाल पूछे गए. जिसके जवाब में हरदीप पुरी ने कहा कि सरकार लगातार उपभोक्ताओं पर बढ़ते बोझ को लेकर कदम उठा रही है. वैसे पेट्रोल और डीजल डी रेगुलेट किया जा चुका है लिहाजा कंपनियां तय करती हैं.

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हरदीप पुरी ने कहा कि हमारी तेल कंपनी और सरकार लगातार रशियन फेडरेशन और कई और नए बाजार में बातचीत कर रही है उम्मीद कर रहे हैं कि जल्दी नए बाजार खुलेंगे और उसको लेकर जो असमंजस की स्थिति है वह दूर होगी. 

आनंद शर्मा ने कहा कि जब जीएसटी लाया गया था तो चर्चा यह थी कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट को भी उसमें शामिल किया जाएगा. जवाब में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इसको लेकर काफी चर्चा हो चुकी है यह मामला जीएसटी काउंसिल के तहत आता है और इस पर चर्चा भी हुई लेकिन यह चर्चा आगे नहीं बढ़ पाई. कई राज्य इसके लिए तैयार नहीं हुए. यह राज्यों को भी तय करना होगा. सरकार यह सुनिश्चित कर रही है और आगे भी सुनिश्चित करेगी कि उपभोक्ताओं पर कम से कम भार पड़े.

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कीमतें सरकार तय करती है पर दिया जवाब

कांग्रेसी सांसद छाया वर्मा ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें सरकार तय करती है जब चुनाव आता है तो कीमत नहीं बढ़ती और जब चुनाव खत्म हो जाते हैं तब बढ़ जाते हैं. यह दिखाता है कि सरकार का पेट्रोल डीजल की कीमतों पर अवैध कब्जा है. इसके जवाब में हरदीप पुरी ने कहा कि यह आरोप गलत है. पेट्रोल पर सरकार का कोई कब्जा नहीं है. यह कंपनियां अंतरराष्ट्रीय कीमत के आधार पर दाम तय करती हैं. हमारे देश में तो पांचों साल चुनाव होते रहते हैं अभी चुनाव खत्म हुए हैं फिर साल की शुरुआत में चुनाव है. जो तेल कंपनियां है वह बाधा के आधार पर कीमत तय करती है.

लूटने वाले को जवाब दे रही है जनता

बता दें कि हरदीप पूरी को कुछ दिन पहले ही एक विपक्षी नेता ने कह दिया था कि चुनाव खत्म होते ही कीमतें बढ़ जाएंगी. इस बयान से अचानक तेल की होर्डिंग बढ़ गई. जिसपर उन्होंने कहा कि इस तरीके के बयान सही नहीं है. केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार इस तरीके से टैक्स लगाकर देश को लूट रही है. जबकि पुरी ने कहा कि कौन लूट रहा है इसका जवाब जनता ने दे दिया है 97 फीसदी उम्मीदवारों की जमानत ज़ब्त हो गई है. 

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