जम्मू: भारत के खिलाफ नापाक साजिशें रच रहे पाकिस्तान ने अब भारत में हथियार भेजने, सीमा पर तैनात सुरक्षाबलों पर नज़र रखने और आतंकियों की सुरक्षित घुसपैठ कराने के लिए ड्रोन वाली साजिश रची है. इस साजिश को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई और पाकिस्तानी सेना ने विभिन्न आतंकी संगठनो के कुछ आतंकियों को विशेष ट्रेनिंग भी दी है. जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा और लाइन ऑफ़ कंट्रोल से पाकिस्तान अब भारत के खिलाफ ड्रोन वाली साजिश रच रहा है. इस साजिश के ज़रिये पाकिस्तान सीमा से हथियार भेजने, भारतीय सुरक्षा बलों की मूवमेंट और लोकेशंस पर नज़र रखने के साथ-साथ आतंकियों को घुसपैठ में मदद करने की योजना बना रहा है.


इस काम को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने पहले आतंकी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन के कमांडर उमर मंसूर, नुमान और जहांजेब को ड्रोन उड़ाने की विशेष ट्रेनिंग दी और फिर उन्हें हरकत-उल-मुजाहदीन के खैबरपख्तून के मानशेरा ट्रैंनिंग कैंप में लश्कर, जैश और हरकत के कुछ चुने हुए आतंकियों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग देने को कहा.


सुरक्षा एजेंसियो ने एबीपी न्यूज़ को बताया है कि हरकत-उल-मुजाहिदीन के कैंप में दूसरे आतंकी संगठनों के जिन चुने हुए आतंकियों की ड्रोन उड़ाने की ट्रैंनिंग पूरी हो चुकी है, वो आतंकी अब अपने विभिन्न ट्रेनिंग कैम्प्स में अपने-अपने संगठनों के आतंकियों को इसकी ट्रेनिंग दे रहे हैं. खुफिया एजेंसियो ने दावा किया है कि इन ट्रेनी आतंकियों को ड्रोन उड़ाने की ट्रैंनिंग इन दिनों सीमा पर ही दी जा रही है और यही वजह है कि सीमा पर इन दिनों पाकिस्तानी इलाके में काफी ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं.


सूत्रों ने ऐबीपी न्यूज़ को बताया है कि ड्रोन उड़ाने में महारत हासिल करने के बाद अब पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों ने भारत पाकिस्तान सीमा पर कई स्थानों पर ड्रोन उड़ने के सिस्टम लगाए हैं, ताकि वो सीमा के पास से यह ड्रोन उड़ा सकें. पाकिस्तान सीमा के पास से यह ड्रोन सीमा से हथियार भेजने, भारतीय सुरक्षा बलों की मूवमेंट और लोकेशंस पर नज़र रखने के साथ-साथ आतंकियों को घुसपैठ में मदद करने के लिए उड़ाए जा रहे हैं.


जम्मू में रक्षा मामलों के जानकार रिटायर्ड कैप्टन अनिल गौड़ का दावा है कि आधुनिक वार फेयर में ड्रोन का एक बड़ा महत्व है. उनके मुताबिक ड्रोन आधुनिक युग में एक गेम चेंजर साबित हो सकता है, क्योंकि ड्रोन की इतने किसमें आ गई हैं, जो एक युद्ध की जीत और हार का फैसला कर सकते हैं. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक भारत की एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी से बचने के लिए पाकिस्तान कई तरह के अलग-अलग ड्रोन इस्तेमाल कर सकता है.


पाकिस्तान भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में आने से बचने के लिए एक आधुनिक ड्रोन, जिसे हैंडलर की जरूरत नहीं होती, उसका इस्तेमाल भी इन दिनों कर रहा है. उनके मुताबिक यह ऐसे ड्रोन हैं, जिनके लैंडिंग पॉइंट पहले से ही तय होते हैं और इन ड्रोन्स को हैंडलर की जरूरत नहीं होती. रक्षा सूत्रों के मुताबिक अगर पाकिस्तान से कोई हैंडल ड्रोन उड़ाता है और उस ड्रोन को भारतीय सुरक्षा बल गिरा देते हैं, तो उस ड्रोन के जरिए उसके हैंडलर तक पहुंचा जा सकता है. लेकिन, अब इससे बचने के लिए पाकिस्तान ने प्रीफिक्स पॉइंट्स वाले ड्रोन इस्तेमाल करने शुरू कर दिए हैं.


रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान के लिए भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन उड़ाना एलओसी से आसान है. सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि जम्मू में भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लाइन ऑफ साइट क्लियर होने के चलते वहां पर ड्रोन उड़ाना आसान है.


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