Chidambaram Remark on Congress Performance: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने रविवार (11 दिसंबर) को कहा कि कांग्रेस ही वह ‘ध्रुव’ बनने की सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है, जिसके इर्द-गिर्द 2024 के आम चुनाव के लिए बीजेपी (BJP) विरोधी मोर्चा गठित किया जा सकता है.


चिदंबरम ने साथ ही कहा कि अगर हरियाणा और पंजाब को छोड़ दिया जाए तो दिल्ली के बाहर आम आदमी आदमी (AAP) की कोई खास लोकप्रियता नहीं है. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को गुजरात में मिली हार से सबक लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कड़े मुकाबले वाले चुनावों में ‘साइलेंट’ (खामोश) चुनाव प्रचार जैसी कोई चीज नहीं होती है.


पीएम मोदी को चिदंबरम की सलाह


कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘आप’ ने गुजरात में उसी तरह खेल बिगाड़ा, जैसा उसने गोवा और उत्तराखंड में किया था. उन्होंने गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभाओं और दिल्ली नगर निगम (MCD) के हालिया चुनावों के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात पर चिंतन करना चाहिए कि बीजेपी इन तीनों में सत्ता पर काबिज थी लेकिन उसे दो में हार झेलनी पड़ी. 


पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. गुजरात में जीत महत्वपूर्ण है लेकिन इससे यह सच्चाई नहीं छिप सकती कि सत्ता पर काबिज बीजेपी को हिमाचल प्रदेश और एमसीडी में निर्णायक हार झेलनी पड़ी.’’ उन्होंने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस और एमसीडी में ‘आप’ ने बड़े अंतर से जीत हासिल की.


हिमाचल चुनाव परिणाम को लेकर चिदंबरम ने यह कहा 


चिदंबरम ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश में मतों का समग्र अंतर कम हो सकता है लेकिन राज्य में यह चुनाव राष्ट्रपति चुनाव की शैली में नहीं था. यह निर्वाचन क्षेत्र-वार चुनाव था और हमें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में अंतर को देखना होगा.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल में कांग्रेस और बीजेपी को मिले मतों के बीच एक फीसदी से भी कम के अंतर का जिक्र किया था. इस बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ‘‘कांग्रेस की ओर से जीते गए 40 निर्वाचन क्षेत्रों में से कई में जीत का अंतर बहुत था. निर्वाचन क्षेत्र-वार चुनाव में राज्यव्यापी अंतर को देखना अनुचित तरीका है.’’


गुजरात में कांग्रेस की हार और राज्य में ज्यादा जोर-शोर से प्रचार नहीं किए जाने के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि अगर इस प्रकार की किसी रणनीति का पालन किया गया था, तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरी समझ में कांग्रेस को गुजरात में कोई खास अपेक्षा नहीं थी. मेरा मानना है कि पार्टी को हर चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए और युद्ध के मैदान में हर उपलब्ध संसाधन- मानव, सामग्री और डिजिटल को तैनात करना चाहिए.’’


'गुजरात में मिली हार से सबक लेने की जरूरत'


चिदंबरम ने कहा कि गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी को पूरे देश में कांग्रेस के पास उपलब्ध सर्वोत्तम मानव संसाधनों को जुटाना चाहिए और उन्हें अभियान में लगाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा यह भी मानना है कि कड़े मुकाबले वाले चुनाव में खामोशी से चुनाव प्रचार करने जैसी कोई चीज नहीं होती. गुजरात चुनाव में मिली हार से सबक सीखे जाने की आवश्यकता है.’’


यह पूछे जाने पर कि एमसीडी चुनाव जीतने और गुजरात में करीब 13 प्रतिशत मत हासिल करने के बाद क्या ‘आप’ विपक्षी ब्लॉक में कांग्रेस के नेतृत्व के लिए चुनौती पैदा करती है, चिदंबरम ने कहा कि एमसीडी चुनाव में 'आप' की जीत आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि वह दिल्ली में सत्तारूढ़ है. उन्होंने कहा कि बीजेपी 15 साल से एमसीडी में सत्ता में थी, उसके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी और कांग्रेस गंभीर दावेदार नहीं थी.


'AAP ने बिगाड़ा खेल'


चिदंबरम ने कहा, ‘बहरहाल, 'आप' ने गुजरात में भी गोवा और उत्तराखंड की तरह खेल बिगाड़ने का काम किया. 'आप' ने गुजरात की 33 सीटों पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हरियाणा और पंजाब को छोड़ दिया जाए तो दिल्ली के बाहर ‘आप’ की कोई खास लोकप्रियता नहीं है.’’


यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अब भी 2024 के चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी गठबंधन का मुख्य आधार है, चिदंबरम ने कहा, ‘‘हां, कांग्रेस ही वह ध्रुव बनने की सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है, जिसके इर्द-गिर्द 2024 के आम चुनाव के लिए बीजेपी विरोधी मोर्चा गठित किया जा सकता है.’’ उन्होंने विपक्ष की एकता के बारे में कहा, ‘‘विपक्षी एकता बनाना और बनाए रखना हमेशा मुश्किल रहा है. वर्ष 1977 और 1989 को याद करें? अगर कांग्रेस विनम्रता के साथ यह कार्य करती है और अगर अन्य दल यथार्थवाद के साथ कार्य करते हैं तो मुझे लगता है कि चुनावी गठबंधन के लिए यह एकता संभव है.’’


'भारत जोड़ो यात्रा' के असर पर यह बोले चिदंबरम


चिदंबरम ने चुनाव परिणामों के अगले लोकसभा चुनाव पर पड़ने वाले असर के बारे में कहा कि 2024 से पहले 2023 है, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में चुनाव होने हैं.


यह पूछे जाने पर कि क्या ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का हाल में संपन्न हुए चुनावों पर कोई प्रभाव पड़ा है और क्या इससे पार्टी को आगे चलकर कोई चुनावी लाभ मिलेगा, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने शुरुआत में ही स्पष्ट कर दिया था कि इस यात्रा का उद्देश्य राजनीतिक लाभ उठाना नहीं है.


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