नई दिल्ली:  लगभग एक दर्जन से ज्यादा विपक्षी पार्टियों ने कल एक मंच पर आकर आरएसएस पर तीखा हमला किया और मोदी सरकार पर अपने वादे पूरे नहीं करने का आरोप लगाया है. बता दें कि जेडीयू के बागी नेता शरद यादव के नेतृत्व में आयोजित ‘साझी विरासत बचाओ सम्मेलन’ में कांग्रेस, सीपीएम, सीपीआई, एसपी, बीएसपी, एनसीपी, आरजेडी, नेशनल कॉन्फ्रेंस , जनता दल- सेक्यूलर और आरएलडी समेत कई अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया.


इस सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा, एसपी के नेता राम गोपाल यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला समेत कई अन्य पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की.

राहुल गांधी ने RSS पर बोला हमला

विपक्ष के इस आंदोलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह एक ऐसे भारत का समर्थन करते हैं, जो सच्चाई का साथ दे. राहुल गांधी ने कहा, "मोदी जी कहते हैं कि वह ‘स्वच्छ भारत’ बनाना चाहते हैं, लेकिन हम ‘सच भारत’ चाहते हैं ...हम आपका ‘जाली भारत’ नहीं चाहते." साथ ही उन्होंने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए यह कहा, " वह जहां भी गए उन्होंने झूठ कहा."


इसके अलावा राहुल ने बीजेपी के वैचारिक मार्गदर्शक 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' यानी 'आरएसएस' पर भी हमला करने का साथ ही संघ पर यह आरोप लगाया कि वह जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांटने का प्रयास कर रहा है.


राहुल ने कहा, "जब तक आरएसएस ने भारत में सरकार नहीं बना ली, तब तक राष्ट्रीय झंडे को सलाम नहीं किया.....आप इस देश को दो तरह से देख सकते हैं. राहुल आरएसएस पर हमला बोलते हुए आगे कहते हैं, "एक कहता है कि यह देश मेरा है, दूसरा कहता है कि मैं इस देश का हूं. आरएसएस और हमारे बीच यही फर्क है."


हालांकि, राहुल ने आगे इस पर विस्तारपूर्वक से कुछ नहीं कहा." कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ लड़ने के लिए एकता की जरूरत पर जोर दिया. राहुल इस पर कहते हैं, "यदि हम मिलकर लड़ेंगे, तो मैं आपको बताता हूं कि वे कहीं नजर नहीं आएंगे."


नीतीश कुमार से नाखुश शरद यादव के बुलाने पर पहुंची विपक्षी पार्टियां


जेडीयू के अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना लेने से नाखुश शरद यादव ने इन अटकलों के बीच इस सम्मेलन का आयोजन किया है कि जेडीयू दो फाड़ हो सकती है. शरद यादव ने कहा कि यदि लोग एकजुट हो जाएं तो "हिटलर भी" उनके खिलाफ नहीं टिक सकता.


दरअसल शरद यादव इस सम्मेलन में विपक्षी पार्टियों के लिए केंद्र-बिंदु के तौर पर उभरते हुए नजर आए. लगभग सभी विपक्षी नेताओं ने भारत की 'साझी संस्कृति' को बचाने के उनके आह्वान का पुरजोर तरीके से समर्थन किया.


येचुरी ने कहा- 'हम शरद यादव के साथ'


सम्मेलन के थीम का जिक्र करते हुए सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि कई हिंदू और मुस्लिम नेताओं ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, लेकिन इस 'साझी विरासत' को अब खतरा है. 'विभाजनकारी और सांप्रदायिक' ताकतों के खिलाफ मिलकर लड़ने की अपील करते हुए येचुरी ने कहा कि भारत के विभाजन के बाद जितने मुसलमान पाकिस्तान गए, उससे कहीं ज्यादा मुसलमानों ने इसी देश में रहना पसंद किया, लेकिन अब इस साझा संस्कृति से छेड़छाड़ की जा रही है और भारत को 'हिंदू राष्ट्र' में बदलने की कोशिश की जा रही है.


साथ ही येचुरी ने यह भी कहा कि शरद के पास भारत की 'सामंजस्यपूर्ण संस्कृति' को बचाने की कुंजी है. येचुरी ने कहा, "हम शरद यादव के साथ हैं. यदि हमें अपनी इस साझा संस्कृति को बचाना है, तो शरद जी के पास इसे बचाने के आंदोलन की कुंजी होगी. उन्हें यह जिम्मेदारी पूरी करनी होगी."


येचुरी ने आगे, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दूरदर्शन और आकाशवाणी की ओर से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के रिकॉर्ड किए गए भाषण को प्रसारित नहीं करने की घटना का जिक्र करते हुए सवाल किया, "प्रधानमंत्री मोदी इंदिरा गांधी के आपातकाल को नहीं दोहराने की बातें करते हैं. लेकिन वह क्या कर रहे हैं ?" उन्होंने कहा, "हम विविधता को नष्ट कर रही नीतियों के खिलाफ लड़ेंगे."


अहमद पटेल ने भी किया शरद यादव का समर्थन


इसके इतर हाल में एक मुश्किल भरे राज्यसभा चुनाव में गुजरात से राज्यसभा के लिए चुने गए कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने भी शरद यादव का समर्थन किया. उन्होंने कहा, "मैं शरद जी से एक कार्य योजना तैयार करने की अपील करता हूं. हम देश के कोने-कोने में जाएंगे और लोगों को आगाह करेंगे कि यदि हमने अपनी साझा संस्कृति और विरासत नहीं बचाई, तो हम अपने देश, लोकतंत्र और मानवता को नहीं बचा पाएंगे." पटेल ने आगे कहा, "हमें 2019 में इन ताकतों को हराने के लिए इनकी जरूरत है. आप सभी को इस मुद्दे पर सहयोग करने की जरूरत है."


गुलाम नबी आजाद ने शरद  यादव को बताया 'असली जेडीयू'


राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि शरद ही 'असली जेडीयू' हैं'. उन्होंने कहा, ''शरद ने केंद्र में कैबिनेट मंत्री पद की पेशकश ठुकरा दी और धर्मनिरपेक्षता की राह चुनी."


सीपीआई के डी. राजा ने भी आरएसएस को एक 'असंवैधानिक' संस्था करार देते हुए, आरोप लगाया कि यह हर एक मामले में सरकार को निर्देशित कर रही है. राजा ने कहा, "वे लोगों को बांटकर हमारी साझा संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, वे किसी भी तरह चुनाव जीतना चाहते हैं."


नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी देश के हालात पर चिंता जताई, लेकिन किसी का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा, "भारत, चीन और पाकिस्तान का सामना कर सकता है, लेकिन दुर्भाग्यवश आज भीतर से खतरा है, बाहर से नहीं."  अब्दुल्ला ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "अंदर कोई चोर बैठा हुआ है, जो हमारा बेड़ा गर्क कर रहा है."