सरकार के पास प्याज का महज 25 हजार टन का सुरक्षित भंडार (बफर स्टॉक) बचा हुआ है. यह स्टॉक नवंबर के पहले सप्ताह तक समाप्त हो जाएगा. नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. देश में प्याज की खुदरा कीमतें 75 रुपये किलो के पार जा चुकी हैं. ऐसे में इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए नाफेड सुरक्षित भंडार से प्याज बाजार में उतार रहा है.


नाफेड ने इस साल के लिए की थी करीब एक लाख टन प्याज की खरीद


नाफेड सरकार की ओर से संकट के समय यह स्टॉक इस्तेमाल के लिए जारी करने को तैयार रहता है. नाफेड ने इस साल के लिए करीब एक लाख टन प्याज की खरीद की थी. चड्ढा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अभी तक बफर स्टॉक से 43 हजार टन प्याज बाजार में उतारा जा चुका है. कुछ भंडार के बर्बाद होने के बाद अभी करीब 25 हजार टन प्याज भंडार में बचा हुआ है, जो नवंबर के पहले सप्ताह तक चलेगा.’’


खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने दी अहम जानकरी 


इस बीच खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने शुक्रवार को कहा कि भारी बारिश के कारण कई मुख्य उत्पादक राज्यों में प्याज की फसल को नुकसान हुआ है. इसके चलते देश में खरीफ प्याज का उत्पादन 14 प्रतिशत घटकर 37 लाख टन रहने का अनुमान है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "इस साल महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में बारिश की वजह से प्याज का उत्पादन करीब 37 लाख टन रहने का अनुमान है. यह पहले के 43 लाख टन के अनुमान से लगभग 6 लाख टन कम है."