Manipur Violence: पहलवानों के मेडल लौटाए जाने के ऐलान से अभी मोदी सरकार उबर भी नहीं पाई थी कि उसके सामने मणिपुर से भी ऐसी ही आवाज उठी है. मणिपुर के 11 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि अगर जल्द राज्य में शांति बहाल नहीं होती है तो वे अपने मेडल वापस कर देंगे. इनमें ओलंपियन और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता शामिल हैं. मंगलवार (30 मई) को राजधानी इम्फाल में खिलाड़ियों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक ज्ञापन देकर हिंसा के लिए जिम्मेदार चरमपंथी गुटों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग भी की.


अमित शाह को दिए ज्ञापन में जिन खिलाड़ियों के हस्ताक्षर हैं, उनमें मीराबाई चानू (पद्मश्री और राजीव गांधी खेल रत्न विजेता), अनीता चानू (ध्यानचंद पुरस्कार) एन कुंजारानी देवी (पद्मश्री और अर्जुन अवार्ड विजेता), एल सरिता देवी, संध्यारानी देवी (पद्मश्री पुरस्कार) जैसे नाम शामिल हैं.


कुकी चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील


राज्य के दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री से खिलाड़ियों ने कुकी चरमपंथी समूह के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) समझौते को रद्द करने की मांग की है. ज्ञापन में, खिलाड़ियों ने कहा कि कुकी आतंकवादी केंद्रीय सुरक्षा बलों की बड़ी कंपनियों की तैनाती के बावजूद लोगों की हत्या करके और घरों को जलाकर मणिपुर की अखंडता को चुनौती दे रहे हैं.


इसमें आगे कहा गया है कि इस समझौते के चलते अर्द्धसैनिक बल कुकी आतंकियों को निर्दोष नागरिकों पर हमला करने से रोकने में सक्षम नहीं हो सकते हैं. इसके साथ ही खिलाड़ियों ने मणिपुर को विभाजित करने की मांग को खारिज करने और अवैध प्रवासियों को उनके अपने देश वापस भेजने को भी कहा है. इसके साथ ही मैतेई समुदाय के लोगों को पहाड़ी और घाटी दोनों जगहों पर बसने की अनुमति देने की भी मांग की गई है.


ज्ञापन में कहा गया है कि यह बताना जरूरी है कि अगर केंद्र जल्द ही मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने में विफल रहता है तो हम अपने पुरस्कार वापस कर देंगे. 


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