Coromandel Train Accident: ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार (2 जून) शाम हुए दर्दनाक रेल हादसे में अबतक 261 लोगों के मारे जाने की पुष्टी हुई है. समय बीतने के साथ मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है. वहीं, शनिवार को संयुक्त निरीक्षण की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि ओडिशा ट्रेन दुर्घटना सिग्नल में खराबी की वजह से हुई.


रिपोर्ट में कहा गया है, "शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस-12841 ट्रेन के लिए अप मेन लाइन के लिए सिग्नल दिया और उतारा गया, लेकिन ट्रेन लूप लाइन में घुस गई और अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से जाकर टकरा गई. इसके बाद ट्रेन पटरी से उतर गई."  


261 लोगों की मौत, 900 से अधिक घायल


इसी बीच, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस-12864 डीडब्ल्यू (डाउनवर्ड मेन लाइन) से गुजरी और दो डिब्बे पटरी से उतरे और उलट गए. बता दें कि बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी के आपस में टकराने से 261 लोगों की मौत हुई है और 900 से अधिक लोग घायल हो गए हैं.


मुख्य लाइन पर जाने के बजाय लूप लाइन में एंट्री


रेलवे अधिकारियों ने कहा कि शालीमार चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) ट्रेन शुक्रवार शाम बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर हादसे से ठीक पहले गलत ट्रैक पर चली गई थी. प्रारंभिक जांच की बात करते हुए रेलवे अधिकारियों और ओडिशा पुलिस ने ट्रेन दुर्घटनास्थल का दौरा किया. उन्होंने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस ने चेन्नई की ओर अपनी मुख्य लाइन पर जाने के बजाय लूप लाइन में एंट्री कर ली और एक खड़ी मालगाड़ी को टक्कर मार दी.


अधिकारियों ने कहा कि यह सिग्नलिंग में मानवीय गलती हो सकती है. वहीं एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को मेनलाइन से चेन्नई की ओर जाने के लिए हरी झंडी मिल गई थी. वहीं, दुर्घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा के बालासोर में दुर्घटना स्थल का दौरा किया और कहा कि हमारा पूरा ध्यान लोगों के बचाव और राहत कार्यों पर है. वैष्णव ने कहा कि दक्षिण पूर्व सर्कल ओडिशा के रेलवे सेफ्टी कमिश्नर ट्रेन दुर्घटना की जांच करेंगे.


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