Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार (2 जून) शाम हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे के बाद अब तक 261 लोगों की मौत की खबर है. वहीं हादसे के 15 घंटे बाद रेस्कयू ऑपरेशन खत्म हो गया है और हादसे में बचे या कम घायल हुए कुछ यात्री अपने घर पहुंच गए हैं. इस दौरान एक परिवार के तीन सदस्य सुरक्षित घर लौटे, जिन्होंने हादसे के वक्त के भयानक मंजर के बारे में बताया. 


सुरक्षित लौटे परिवार के तीन सदस्यों ने बताया- ''हम खड़गपुर से चेन्नई जा रहे थे. बालासोर के पास ही हमें एक झटका लगा और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे. हमें समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है, हमें बचने की उम्मीद नहीं थी."


एक परिवार ऐसा भी...


इसके साथ ही पश्चिम बंगाल के गंगारामपुर क्षेत्र के एक निवासी की मौत के बाद एक स्थानीय ने बताया कि हमारे यहां से दो लोग नितिन राय और चंदन राय कोरोमंडल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे. हमें जब रेल दुर्घटना की खबर मिली तब हमने फोन किया, उस समय नितिन का फोन ऑन था. एक अन्य व्यक्ति ने फोन उठाकर बताया कि नितिन की दुर्घटनास्थल पर मौत हो चुकी है. दुर्घटना के बाद से चंदन राय से कोई संपर्क नहीं हो पाया है.


वहीं मृतक की मां का कहना है कि मेरे बेटे की बालासोर रेल दुर्घटना में मौत हो गई. वह चेन्नई जाने के लिए घर से निकला था. उसकी उम्र 26 साल थी, उसके दो बच्चे थे, उनके सिर से पिता का साया उठ गया.


इसके अलावा बालासोर ट्रेन हादसे के बाद एक रूला देने वाली तस्वीर भी सामने आई है. एक चश्मदीद ने बताया कि एक बच्चे के मां-बाप मर चुके थे, जिसके बाद उसने भी अपनी रो-रोकर जान दे दी, जो कि बेहद ही खौफनाक हादसा था. 


कैसे हुआ ये ट्रेन हादसा


2 जून की शाम जब बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस हावड़ा की ओर जा रही थी तो इसी दौरान कई डिब्बे पटरी से उतरकर गिर गए. वहीं दूसरी ओर शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस इस एक्सप्रेस के डिब्बों से टकरा गई. इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे सामने से आ रही मालगाड़ी के डिब्बों से भी टकरा गए. ये दर्दनाक हादसा बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुआ.


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