Rajasthan News: राजस्‍थान सरकार ने 3 हजार करोड़ रुपये के अन्नपूर्ण फूड पैकेट स्‍कीम (Annapurna Food Packet Yojana) को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से हटाकर कॉनफैड (Confed) को जिम्‍मा दे दिया है. इसको लेकर सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) अपनी ही सरकार की ब्‍यूरोक्रेसी की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. एबीपी लाइव से बातचीत के दौरान खाचरियावास ने यहां तक कह दिया कि गैर कानूनी कार्य करने वाले अधिकारी जेल जाएंगे.


'जिसने गलत किया वो खामियाजा भुगतेगा'


एक सवाल के जवाब में खाच‍रियावास ने कहा, '3 हजार करोड़ के प्रोजेक्‍ट को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से हटाकर कॉनफैड को जिम्‍मा देना गलत है. गलत ही नहीं, बल्कि गैर-कानूनी भी है. घोषणा के बाद हमारे विभाग को 1 हजार करोड़ रुपए मिले थे. वित्त विभाग के कुछ अधिकारियों ने फाइल घुमा दी. मेरे डिपार्टमेंट में कोई गड़बड़ी नहीं होती. जब उपभोक्ता अंगूठा लगाता है, तभी उसे गेहूं मिलता है. अन्यथा गेहूं वापस चला जाता है. इसमें गड़बड़ी का कोई मौका नहीं. अफसरों ने विभाग बदलकर विधानसभा के खिलाफ काम किया है. मैं यह आज बता रहा हूं. कई अधिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी. विधानसभा के नियम के अनुसार काम करने वाले कई अधिकारी जेल जाएंगे. मुझे भी नोडल एजेंसी बनाने की तैयारी थी, लेकिन मेरे कहीं साइन नहीं हैं. जो गलत काम करेगा, वह खामियाजा भी भुगतेगा.'


क्या राजस्थान सरकार पर अफसरशाही हावी है?


इस सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इसमें कोई दोराय नहीं है. जिस तरह से अफसरों ने यह काम किया है, उससे मैं खुद चकित रह गया था. ज‍ब विधानसभा से हमारे विभाग को काम मिला तो इसे बदलना संभव नहीं था.  लेकिन हमारे विभाग की जगह कॉनफैड को किट बांटने का काम दिया गया. कॉनफैड पर पहले से ही भ्रष्‍टाचार के आरोप हैं. ईडी और सीबीआई पहले से ही बैठी है, जांच कर रही है. मैं यह सोच रहा हूं कि कौन ऐसा महान अफसर या व्‍यक्ति है, जिसके लिए नियमों को दरकिनार करके यह काम किया गया. मैंने चीफ सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखी है. जो अधिकारी कूद रहे हैं, उन पर जब कार्रवाई होगी तो पता चलेगा क्‍या होगा. कुछ ऐसी बातें होती है, जो मीडिया के सामने नहीं बातई जा सकती. लेकिन यह बेहद गंभीर मामला है. पहले से से ही कॉनफैड की जांच चल रही है.  कॉनफेड तो पहले ही टारगेट पर  है. ऐसा क्या हो गया जो अधिकारियों को विभाग ही बदलने पड़ गए? राजनीति में कई बार व्यक्ति को ऐसा लगता है कि जो मैं कर रहा हूं वह ठीक है. लेकिन वो ठीक होता नहीं. 


क्‍या खाचरियावास को कमजोर करने के लिए ऐसा किया गया?


इस सवाल पर उन्‍होंने कहा कि राजनीति में कई बार ऐसा होता है. लेकिन जो जिंदा लोग है, उन्‍हें राजनीति में घेरने की कोशिश होती है, लेकिन यह बात याद रखने की जरूरत है कि मेरे ऊपर भगवान राम भगवान श्री कृष्ण, श्री श्याम और पंचमुखी हनुमान की कृपा है. मुझे कोई क्या घेरेगा? जो घेरने वाले हैं, वही निपट जाएंगे. आज भी मैं अपनी बात पर कायम हूं. प्रताप सिंह मर सकता है, लेकिन झुक नहीं सकता. एक अन्‍य सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि नियमों के अनुसार, आईएएस अफसरों के एसीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों का है, लेकिन उनका एसीआर सीएमओ कार्यालय क्‍यों लिख रहा है? उस वक्त कुछ मंत्रियों ने कहा था कि हम खुद एसीआर लिख रहे हैं, लेकिन मैं जानता हूं कि कौन-कितनी एसीआर लिख रहा है? देश में पीएम, सीएम का सीधे चुनाव नहीं होता. सांसद और विधायक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को चुनते हैं. ऐसे में विधायकों को कमजोर कर लोकतंत्र को मजबूत नहीं किया जा सकता.


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