Coromandel Express Derail: ओडिशा ट्रेन हादसा इतना भयानक था कि हादसे के 5 दिन बाद भी कई परिवार वालों को दुर्घटना में अपने खोए प्रियजनों के शवों को ढूंढने का सिलसिला जारी है. राज्य में शुक्रवार (2 जून) को हुए हादसे में लगभग 1000 घायल लोगों को रेस्क्यू किया गया था. वहीं अब तक कुल 278 लोगों की मौत हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक कई शव ऐसे है जिन्हें किसी और को सौंप दिया गया है.


एनडीटीवी के मुताबिक भुवनेश्वर में कम से कम तीन ऐसे परिवार हैं जिन्होंने दावा किया है कि उनके परिजनों के शव किसी और को सौंप दिए गए है. जिसके बाद अब अधिकारियों ने बताया कि शवों को डीएनए टेस्ट के परिणाम आने के बाद ही परिवार वालों को सौंपा जाएगा. जिसकी वजह से कई परिवार ऐसे हैं जो कई दिनों से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी शव नहीं सौंपा जा सका है.


परिजन नहीं, किसी और को सौंप दिया शव
भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त ने मंगलवार (6 जून) को कहा कि शवों को देने में देरी इस वजह से हो रही है, क्योंकि उन्हें लेने कुछ ऐसे रिश्तेदार आ रहे हैं जो खून के रिश्ते के नहीं है. जिसकी वजह से डीएनए टेस्ट के बाद ही शव को सौंपा जाएगा. भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मां ने NDTV को बताया कि उसके 16 वर्षीय बेटे के शव की पहचान कर ली गई है, लेकिन उन्हें बताया गया कि उसे पहले ही किसी और को सौंप दिया गया है. 


पश्चिम बंगाल निवासी जकारिया लस्कर ने बताया कि उनके चाचा अबू बकर लस्कर के शव पर मालदा की महिला ने दावा किया है. जकारिया ने बताया कि अस्पताल वाले उन्हें बता रहे हैं कि मालदा की एक महिला शव को ले गई है और उन्हें महिला का नाम नहीं पता है. शेख अब्दुल गनी नाम के शख्स ने ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे में अपना एक बेटा खो दिया. जिसे लेने वह अपने छोटे बेटे के साथ भुवनेश्वर एम्स के मुर्दाघर गए हुए थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें बताया कि बिहार के किसी व्यक्ति ने उनके बेटे के शव पर दावा किया है. जिसकी वजह से उन्हें उनके बेटे का शव नहीं मिल पाया है. 


डीएनए परिणाम आने के बाद ही सौंपा जाएगा शव
इसके अलावा कुछ अन्य परिवारों को पहचान के बाद भी शव नहीं मिली है. पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के गोराचंद बनर्जी अपने बेटे शुभाशीष बनर्जी के शव को लेने के लिए सोमवार से एम्स के मुर्दाघर में हैं. अधिकारियों ने देरी की वजह बताते हुए कहा कि एक शव पर दो दो लोग दावे कर रहे है. जिसकी वजह से डीएनए परीक्षण के परिणाम आने के बाद ही शवों को सौंपा जाएगा.


रेलवे अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक 278 शवों में से 101 शवों की पहचान करना अभी बाकी है. वही 177 लोगों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है. शवों को छह अलग अलग अस्पतालों में रखा गया है. जिनकी परिजनों को फोटो दिखा कर पहचान करवाई जा रही है.


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