Continues below advertisement

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार असम सिविल सर्विस अधिकारी नुपूर बोरा पर पिछले छह महीनों से नजर रखी जा रही थी. उनका कहना है कि नूपुर ने हिंदुओं की जमीन कुछ संदिग्ध लोगों को ट्रांसफर कर दी, जिसके बदले में उन्हें मोटी रकम मिली.

हिमंत बिस्व सरमा ने मंगलवार को इस मामले पर बात करते हुए कहा कि नूपुर बोरा के खिलाफ जमीन बेचने से जुड़ी शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद उन पर पिछले छह महीने से नजर रखी जा रही थी. हिमंत बिस्व सरमा ने गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'यह अधिकारी जब बारपेटा रेवेन्यू सर्किल में तैनात थीं, तो उन्होंने पैसों के लिए हिंदुओं की जमीन कुछ संदिग्ध लोगों को बेच दी हैं. इस वजह से लगातार उन पर नजर रखी जा रही थी, हमने उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं.'

Continues below advertisement

असम सीएम से यह भी पूछा गया कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में लगातार रेवेन्यू सर्किल अधिकारियों के नाम क्यों सामने आ रहे हैं, तो हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है.

सोमवार (15 सितंबर, 2025) को गुवाहाटी में नूपुर बोरा के घर से छापेमारी में 92 लाख रुपये कैश और करीब एक करोड़ रुपये की ज्वेलरी बरामद की गई. बारपेटा में उनके रेंटेड हाउस से 10 लाख रुपये की नकदी भी मिली है.

कौन हैं नूपुर बोरा?नुपूर बोरा की उम्र 36 साल है और वह कामरूप जिले के गोरोइमारी में तैनात हैं. नूपुर बोरा गोलाघाट की रहने वाली हैं और उन्होंने साल 2019 में करबी अंगलोंग में असिस्टेंट कमिश्नर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी. 2023 तक उनकी पोस्टिंग यहीं पर थी. इसके बाद उनका बारपेटा में सर्किल अधिकारी के तौर पर ट्रांसफर किया गया और फिर कामरूप में.

नुपूर बोरा के साथ मंडल सुरजीत देका का नाम भी सामने आया है और स्पेशल विजिलेंस सेल ने उनके घर पर रेड मारी है. वह बारपेटा में रेवेन्यू सर्किल ऑफिस में काम करते हैं. उन पर आरोप है कि जब नूपुर बोरा बारपेटा में तैनात थीं तो दोनों ने मिलभगत से यहां की कई जमीनें हासिल की थीं.