NSA Meet In Jeddah: यूक्रेन में चल रहे संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए सऊदी अरब की राजधानी जेद्दा में 40 देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी मिले. दो दिवसीय बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने भी हिस्सा लिया. सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान (MBS) की मेजबानी में आयोजित बैठक में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन, चीन के यूरेशियाई मामलों के विशेष दूत ली हुई के साथ कई देशों के एनएसए इसमें शामिल हुए.


डोभाल शनिवार (5 अगस्त) सुबह बैठक में शामिल होने के लिए जेद्दा पहुंचे. बैठक में डोभाल ने 'बातचीत के जरिए समाधान' के भारत के रुख को एक बार फिर से दोहराया. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा था कि भारत का लंबे वक्त से रुख रहा है कि बातचीत और कूटनीति ही यूक्रेन संकट को हल करने का रास्ता है और इसके अनुरूप भारत सम्मेलन में हिस्सा ले रहा है.


डोभाल ने बताया भारत का रुख


सूत्रों के अनुसार, एनएसए डोभाल ने बैठक में कहा कि भारत ने संघर्ष की शुरुआत से ही शीर्ष स्तर पर रूस और यूक्रेन दोनों के साथ नियमित रूप से बातचीत की है. उन्होंने बताया, भारत संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित सिद्धांतों पर आधारित वैश्विक व्यवस्था का समर्थन करता है. सभी राज्यों द्वारा संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान बिना किसी अपवाद के बरकरार रखा जाना चाहिए.


भारतीय एनएसए ने कहा, एक उचित और स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सभी शांति प्रयासों को आगे बढ़ाया जाना चाहिए. पूरी दुनिया और खासकर ग्लोबल साउथ इस स्थिति का खामियाजा भुगत रहा है. भारत यूक्रेन को मानवीय सहायता और ग्लोबल साउथ में अपने पड़ोसियों को आर्थिक सहायता दोनों प्रदान कर रहा है.


डोभाल ने दिखाया शांति का रास्ता


उन्होंने बताया, भारत का दृष्टिकोण हमेशा संवाद और कूटनीति को बढ़ावा देने का रहा है और रहेगा. शांति के लिए आगे बढ़ने का यही एकमात्र रास्ता है. बैठक में दोहरी चुनौती पर चर्चा हुई- पहला स्थिति का समाधान और दूसरा संघर्ष के परिणामों को कम गंभीर करना. एनएसए डोभाल ने कहा, किए जा रहे प्रयासों को दोनों मोर्चों पर एक साथ निर्देशित किया जाना चाहिए और इसके लिए बहुत अधिक जमीनी काम करने की आवश्यकता है.


उन्होंने इस बात को आगे रखा कि भारत स्थायी और व्यापक समाधान खोजने के लिए एक सक्रिय और इच्छुक भागीदार बना रहेगा. ऐसे परिणाम से अधिक खुशी और संतुष्टि भारत को कोई और चीज नहीं दे सकती.


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