Agniveers Passing Out Parade: झारखंड के रेजिमेंटल सेंटर में ट्रेनिंग पूरा करने के बाद सिख रेजिमेंट के अग्निवीरों ने शनिवार (5 अगस्त) को पासिंग आउट परेड का आयोजन किया. परेड के दौरान मार्च करते समय पासिंग आउट बैच को पंजाबी में 'तिरंगा साडी जान' गाना गाते हुए देखा गया. 


इसके अलावा परेड के दौरान मार्च करते समय, पासिंग आउट बैच को ने "चल जवाना दौर" भी गाया. एएनआई की तरफ से शेयर किए वीडियो में, पासिंग आउट अग्निवीरों ने एकजुट होकर मार्च करते हुए कई गाने गए. इनमें "चल जवाना दौर, देश नु तेरी लोरह, हर मैदान फतेह कर, मुश्किल दे विच दत के खार, सिख रेजिमेंट दी शान, तिरंगा साडी जान" शामिल है. 


कर्नल ने की रेजिमेंटल सेंटर की तारीफ 


परेड की देखरेख लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन, यूवाईएसएम, एवीएसएम, सैन्य सचिव और सिख रेजिमेंट के कर्नल ने की. अग्निवीरों को अपने संबोधन में उन्होंने उनकी प्रभावशाली परेड की प्रशंसा की और देश के भावी नेताओं को तैयार करने के लिए रेजिमेंटल सेंटर की सराहना की. उन्होंने कहा कि नए रंगरूटों से प्रशिक्षित सैनिकों तक की उनकी यात्रा उनके समर्पण और "देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए असाधारण व्यक्तियों को विकसित करने के प्रति संगठन की प्रतिबद्धता" को दर्शाती है. 


क्या बोले सिख रेजिमेंटल के कमांडेंट ब्रिगेडियर 


मीडिया को संबोधित करते हुए सिख रेजिमेंटल सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर शैलेश सती ने कहा, "ये अग्निवीर भारतीय सेना और सिख रेजिमेंट की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाएंगे." उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें प्राप्त प्रशिक्षण उन्हें अपनी-अपनी इकाइयों में शामिल होने और देश की सुरक्षा में योगदान देने पर सभी क्षेत्रों में सफल होने के लिए सशक्त बनाएगा. 


कुल 756 अग्निवीरों ने लिया था हिस्सा 


इससे पहले शुक्रवार को अग्निपथ योजना का हिस्सा अग्निवीरों की पासिंग आउट परेड बेंगलुरु के एएससी सेंटर और कॉलेज में आयोजित की गई थी. पासिंग आउट परेड में कुल 756 अग्निवीरों ने हिस्सा लिया. 14 जून, 2022 को केंद्र सरकार की तरफ से अनुमोदित अग्निपथ योजना, सशस्त्र बलों में चार साल की अवधि के लिए कमीशन अधिकारियों के पद से नीचे के सैनिकों की भर्ती करने की एक योजना है. यह योजना सितंबर 2022 में लागू की गई थी. 


इस प्रणाली के माध्यम से भर्ती होने वालों को एक नई सैन्य रैंक "अग्निवीर" की उपाधि दी जाएगी. संगठन की आवश्यकताओं के आधार पर, अग्निवीरों को स्थायी पद के लिए आवेदन करने का मौका मिल सकता है. चार वर्षों के बाद अग्निवीर अन्य क्षेत्रों में रोजगार के लिए "कुशल कार्यबल" के रूप में समाज के बीच जायेंगे.


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