BRICS NSA Meeting: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल (Ajit Doval) आंतकवादियों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध में अडंगा डालने को लेकर बिना नाम लिए चीन पर निशाना साधा. डोभाल ने मंगलवार (25 जुलाई) को कहा कि ब्रिक्स समूह संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के तहत आतंकवादियों और उनके प्रतिनिधियों को सूचीबद्ध कर सकता है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को राजनीति और दोहरे मानकों से दूर रखा जाना चाहिए.


डोभाल ने यह टिप्पणी, दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के दौरान की. बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी शामिल हुए थे. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी कहे जाने वाले वांग यी को मंगलवार को ही चीन का दोबारा विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. वे लंबे समय से सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आए थे, जिसके बाद उन्हें लेकर अटकलें लगने लगी थीं.


आतंकियों के खिलाफ एक्शन में चीन लगाता है रोक


चीन पाकिस्तान की दोस्ती छिपी नहीं है. इस दोस्ती के लिए चीन आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में भी अड़ंगा लगाता है. चीन के कम्युनिस्ट नेतृत्व ने लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान में पनाह लेने वाले दूसरे आतंकी संगठनों और उनके आकाओं को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के कदम को बार-बार रोका है.


पीटीआई के अनुसार, डोभाल ने ब्रिक्स देशों की बैठक में इस बात का उल्लेख किया कि संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद विरोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आतंकियों और उनके प्रतिनिधियों को सूचीबद्ध करना एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें ब्रिक्स देश मिलकर काम कर सकते हैं. बिना किसी देश का नाम लिए हुए उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रतिबंध कमेटी राजनीति और दोहरे मानकों से मुक्त हो. 


डोभाल ने आतंकवाद को बताया प्रमुख खतरा


ब्रिक्स के सदस्य देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं. ब्रिक्स देशों के एनएसए की ये 13वीं बैठक थी. डोभाल ने कहा, राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए आतंकवाद एक प्रमुख खतरा बना हुआ है.


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