Bihar New Government Cabinet: बिहार (Bihar) में महागठबंधन (Mahagathbandhan) की ओर से जेडीयू (JDU) नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक बार फिर मुख्यमंत्री (Bihar CM) पद की शपथ ले ली है. नीतीश कुमार आठवीं बार सीएम बने हैं, वहीं आरजेडी (RJD) नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) पद की शपथ ली है, वह दूसरी बार डिप्टी सीएम बने हैं. महागठबंधन की नई सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Mahagathbandhan Government Cabinet) को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम हैं. 


नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के शपथ ग्रहण से पहले ही खबर आई कि हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के नेता जीतनराम मांझी ने दो मंत्री पद की मांग रख दी है. यहीं नहीं, जीतनराम ने सलाह तक दे डाली कि आज 60-70 मंत्रियों को शपथ दिलाई जानी चाहिए क्यों कि खसमास शुरू हो जाएगा. दरअसल, हिंदू धर्म में खरमास को शुभ कार्यों के लिए उचित नहीं माना जाता है. जीतनराम मांझी के 60-70 मंत्री बनाए जाने की मांग कितनी संभव है, आखिर बिहार सरकार में कुल कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं, आइये जानते हैं इसका गणित.


मंत्री बनाए जाने का गणित


भारतीय संविधान के मुताबिक, केंद्रीय कैबिनेट हो या राज्य का मंत्रिमंडल, कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या के 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं. इसको ऐसे समझिए कि कुल निर्वाचित सदस्यों की संख्या को 15 से गुणा कर दीजिए, अब उसमें 100 का भाग दे दीजिए, फिर जो संख्या आए, ज्यादा से ज्यादा उतने की सदस्य मंत्री बन सकते हैं.


इस हिसाब से बिहार में कुल 243 सीटें हैं लेकिन मोकामा से अनंत सिंह की सदस्यता जाने के बाद 242 सीटें बची हैं. आरजेडी नेता अनंत सिंह पैतृक आवास में एके-47, 33 जिंदा कारतूस और दो हैंड ग्रेनेड मिलने के बाद उन्हें कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्य के रूप में सदस्यता चली गई थी. यानी बिहार में 242 विधायकों की संख्या के 15 फीसदी ही मंत्री बनाए जा सकते हैं. 242 को 15 से गुणा करने पर 3630 संख्या होती है और इसमें 100 से भाग देने पर रिजल्ट 36.3 आता है. इस प्रकार स्पष्ट है कि बिहार में 36 से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं.


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किसके खाते में जा सकते हैं कितने मंत्री पद 


जानकारों के मुताबिक, महागठबंधन की नई सरकार में आरजेडी से सबसे ज्यादा 20 मंत्री जबकि जेडीयू से 13, कांग्रेस से चार और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा से एक मंत्री बनाया जा सकता है. 2015 में जब महागठबंधन की सरकार बनी थी तो नीतीश कुमार कैबिनेट में 28 मंत्री बनाए गए थे. कैबिनेट में चार मुस्लिम, पांच दलित, तीन-तीन निषाद (EBC) और कुशवाहा, 2 राजपूत, एक-एक भूमिहार और ब्राह्मण और सात यादवों को जगह दी थी. मंत्रियों में दो महिलाए विधायक भी शामिल की गई थीं.


2020 में जब एनडीए के साथ नीतीश कुमार ने सरकार बनाई थी तो उनके साथ कैबिनेट के 14 अन्य मत्रियों को शपथ दिलाई गई थी, सात मंत्री बीजेपी से बने थे, जेडीयू से पांच विधायक मंत्री बनाए गए थे और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा और वीआईपी के खाते में एक-एक मंत्री पद गया था. इसके बाद फरवरी 2021 में मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया था जिसमें 17 नए चेहरों को शामिल किया गया था


किसके पास कितने विधायक


बिहार की विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के लिए 122 विधायक चाहिए होते हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने सबसे ज्यादा 75 सीटें जीती थी. जेडीयू ने खाते में 43 सीटें आई थीं. दोनों की मिलाकर 118 सीटें होती यानी बहुमत से चार कम लेकिन महागठबंधन में कांग्रेस, वाम पार्टियां और जीतनराम मांझी की हिंदुस्तान आवाम मोर्चा भी शामिल हैं, इसलिए महागठबंधन आसानी से बहुमत का संख्याबल रखता है. बता दें कि 2020 के बिहार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 19 सीटें, भाकपा माले 12, सीपीआईएमएल 2, सीपीआई 2 और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा 4 सीटें जीती थी. इसके अलावा, राज्य में बीजेपी ने 74, वीआईपी ने 4, एलजेपी ने एक, बीएसपी ने एक और एआईएमआईएम ने पांच सीटें हासिल की थीं. एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी.


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