Farmers Protest End: कृषि कानून और अन्य मांगों पर सरकार के साथ सहमति बनने के बाद किसान दिल्ली सीमाओं से वापस अपने घर की ओर रवाना हो गए हैं. 14 महीनों बाद तीनों बॉर्डर पर आवाजाही धीरे-धीरे अब सामान्य हो रही है. गाजीपुर बॉर्डर के खुल जाने से यूपी से दिल्ली आसानी से जाना संभव हो गया है, हांलांकि हाईवे का एक हिस्सा जहां अब भी पुलिस के बैरिकेड्स लगा रखे हैं, इसके कारण लोगों को डी रूट करना पड़ रहा है. लोगों को इस बंद रास्ते की जानकारी नहीं है, लिहाजा वक्त की बर्बादी अब भी हो रही है.


हाईवे का एक हिस्सा बंद होने से अब भी आम लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. एबीपी न्यूज से बातचीत में आम लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. गौरव गुप्ता नाम के एक शख्स ने कहा, 'मैं पेशे से डॉक्टर हूं और हाईवे बंद होने से मेरा बहुत वक्त बर्बाद हुआ है. अब भी हो रहा है, क्योंकि मैं इस रास्ते पर आ गया हाईवे के जो अब भी बंद है. जब पुलिस को मालूम था कि किसान आंदोलन खत्म हो गया तो कम से कम अपने बैरिकेड्स तो हटाने चाहिए थे. पहले कह रहे थे किसानों के कारण रास्ते बंद हैं. कल तक मैं स्कूटी से आ रहा था तो कहीं से निकल जाता था आज गाड़ी लेकर आया हूं तो घूम के जाऊंगा फिर से. मयूर विहार के एक अस्पताल जाना है मुझे, राज नगर से आया हूं. डी रूट के कारण कम से कम डेढ़ घंटे बर्बाद होता है.'


शाहनवाज नाम के शख्स ने कहा, 'जाम की बहुत परेशानी थी, जिस वजह से ऑफिस लेट पहुंच रहे थे. 20 से 25 मिनट रोज बर्बाद हो रहे थे.' एक दूसरे व्यक्ति अख्लाक ने कहा, 'हाईवे खुलने से कम से कम 20 मिनट बचेगा. 14  महीने से कच्चे रास्ते से जा रहे थे. अब सीधा ऑफिस पहुंच जायेंगे, बहुत अच्छा लग रहा है.' वहीं विनय शर्मा ने कहा, 'डी रूट करने से एक घंटा 15 मिनट लग रहा था. मुझे राज नगर से आनंद विहार जाना है जहां का टाइम सिर्फ 25 मिनट लगता है लेकिन घूम कर जाने से एक घंटा बर्बाद हो रहा था.'


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