Koo App in Nigeria: तकरीबन 500 भाषाओं के साथ नाइजीरिया माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के लिए एक बड़ा दांव है. बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू (Koo) अफ्रीका की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी नाइजीरिया में देसी भाषाओं में खुद को अभिव्यक्त करने को मुमकिन बनाने के लक्ष्य के साथ अपनी पकड़ को मजबूत बना रहा है. मेड-इन-इंडिया Koo App लोगों को अंग्रेजी अनुवाद की जरूरत के बिना अपनी मातृभाषा में खुद को व्यक्त करने में सक्षम बनाता है. 


भारत में Koo App हिंदी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, मराठी, बांग्ला, असमिया, गुजराती और अंग्रेजी में आसान बातचीत की सुविधा प्रदान करता है. आने वाले समय में कई और भाषाओं को प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया जाएगा. भारत की ही तरह नाइजीरिया भी भाषाई और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर है. यह इग्बो, होसा, योरूबा, फूला, टिव, आदि जैसी 500 से अधिक भाषाओं का गढ़ है. 


नाइजीरिया का बहु-भाषी और अफ्रीका में सबसे अधिक सकल घरेलू उत्पाद का होना, Koo App के वहां अपने शानदार फीचर्स के साथ पदार्पण करने का मुख्य कारण है. भारत से बाहर Koo App का यह पहला अंतरराष्ट्रीय प्रयास है. हालांकि वर्तमान में नाइजीरिया की आधिकारिक भाषा होने के कारण Koo अंग्रेजी में उपलब्ध है. 


मार्च 2020 में लॉन्च हुआ था Koo App


Koo App अफ्रीकी यूजर्स को अपनी मातृभाषा में जुड़ने और बातचीत करने के लिए सक्षम बनाने के लिए जल्द ही उनकी मूल भाषा में उतरेगा. यह प्लेटफॉर्म नाइजीरिया में स्थिर गति से विकसित हो रहा है क्योंकि वह भारत की ही तरह, नाइजीरियाई यूजर्स को एक भाषा का व्यापक अनुभव प्रदान करने के लिए देश की सांस्कृतिक बारीकियों को समझता है. 


विभिन्न भाषाओं के लोगों को इंटरनेट पर एक साथ लाने के लिए एक समावेशी प्लेटफार्म Koo App को मार्च 2020 में माइक्रो-ब्लॉगिंग के लिए एक नए दृष्टिकोण के साथ लॉन्च किया गया था. अक्टूबर 2021 में प्लेटफॉर्म ने डेढ़ करोड़ डाउनलोड को पार कर लिया था. इसके यूजर्स में खेल, मनोरंजन, राजनीति, साहित्य, सामाजिक मुद्दों आदि के विषयों पर मशहूर व्यक्तित्व चर्चा में शामिल होते हैं.


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Koo App के फाउंडर ने बताया कैसे अपने प्लेटफॉर्म पर भारतीय भाषाओं को प्रोमोट कर दे रहे ट्विटर को टक्कर