Antilia Bomb Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मनसुख हिरेन की हत्या का मुख्य आरोपी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को बनाया है. देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के बंगले एंटीलिया के पास मिली जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो मिली थी. यह स्कॉर्पियो मनसुख हिरेन नाम के व्यापारी की थी. जब इस मामले की जांच हुई तब पता चला की हिरेन की हत्या हो चुकी है. हिरेन की हत्या और एंटीलिया के पास विस्फोटक से मिली गाड़ी की जांच एनआईए (NIA) को भेज दी गई.


जिसमें उसने हिरेन की हत्या और एंटीलिया कांड मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में प्रदीप शर्मा ने अपनी जमानत याचिका मुंबई हाई कोर्ट में दायर की थी. मुंबई हाईकोर्ट शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था.


क्या प्रदीप शर्मा ने रची थी मनसुख को मारने की साजिश ?


इस याचिका की सुनवाई के दौरान आज NIA ने कोर्ट में एफिडेविट दायर किया है. इस एफिडेविट में एनआईए ने दावा किया है कि प्रदीप शर्मा इस हत्या के मामले के मुख्य सूत्रधार हैं. इस मामले में एनआईए ने आगे लिखा कि क्रॉफर्ड मार्केट के पास जो मुंबई पुलिस का मुख्यालय है वहां पर ही मनसुख को मारने को साजिश रची गई थी. इसी क्रम में आरोप है कि शर्मा ने मुंबई पुलिस के मुख्यालय में मनसुख की हत्या के मामले से जुड़े दूसरे आरोपियों के साथ मीटिंग भी की थी. 


एनआईए ने जमानत याचिका का किया कड़ा विरोध


NIA ने अपने एफिडेविट में यह भी कहा है कि मनसुख हिरेन की हत्या करने के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच के पूर्व अधिकारी सचिन वाझे ने प्रदीप शर्मा को कुल 45 लाख रुपये दिए थे. बताया जाता है कि इन पैसों का इस्तेमाल शर्मा ने लॉजिस्टिक और दूसरी प्रकार की मदद के लिए भी किया था. इन सब वजहों को कोर्ट के सामने रखते हुए एनआईए ने शर्मा की जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया.


कोर्ट ने इस मामले में अब अगली तारीख 17 जुलाई को की जाएगी. आपको बता दें कि NIA ने कुछ महीने पहले मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में एंटीलिया बम केस से जुड़ी चार्जशीट को पेश किया है. चार्जशीट दायर करते समय जांच अधिकारी और एनआईए के अध्यक्ष विक्रम खलाटे भी मौजूद थे. वहीं इस मामले की पैरवी कर रहे स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने 20 प्रमुख गवाहों के लिए सुरक्षा की मांग की थी.


जांच एजेंसी ने कोर्ट को यह भी बताया था कि मामले में उनकी जांच जारी है. एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि उसके पास वाझे, पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा, बर्खास्त पीआई सुनील माने, एपीआई रियाजुद्दीन काजी सहित सभी 10 आरोपियों के खिलाफ इनक्रिमिनेटिंग मटेरियल है.


चार्जशीट में एनआईए ने कितने गवाहों से ली गवाही ? 


चार्जशीट में 300 से ज्यादा गवाहों से गवाही ली गई है. इसके अलावा कुछ डिजिटल सबूत भी चार्जशीट का हिस्सा हैं. जांच के दौरान 10 गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ विस्फोटक लदी महिंद्रा स्कॉर्पियो कार रखने की साजिश, उसकी चोरी और मनसुख हिरेन की हत्या के विभिन्न चरणों में शामिल आरोपियों के खिलाफ आपत्तिजनक सबूत सामने आए हैं. वहीं इस मामले में आगे की जांच की जा रही है.


एनआईए चार्जशीट में जो आरोपी हैं उनका नाम नरेश गोर, आनंद जाधव, विनायक शिंदे, सतीश मोथकुरी उर्फ तन्नी उर्फ विक्की बाबा, वसंतभाई सोनी और संतोष शेलार हैं. एजेंसी ने अपने चार्जशीट में जैश-उल-हिंद नामक एक आतंकी संगठन का भी जिक्र किया था. एंटीलिया के बाहर जिलेटिन की छड़ें रखने का दावा इसी संगठन ने किया था लेकिन बाद में पीछे हट गया. 




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