Maharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव मामले में महाराष्ट्र सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने BMC और दूसरे निकायों के लंबित चुनाव की तारीख 2 हफ्ते में घोषित करने को कहा है. राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण को मंजूरी मिलने के बाद ही चुनाव की बात कही थी. कोर्ट ने कहा कि इस आदेश की संवैधानिकता पर बाद में सुनवाई होगी.


पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में पंचायत चुनाव में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण की अधिसूचना रद्द कर दी थी. कोर्ट ने कहा था कि बिना ज़रूरी आंकड़े जुटाए राज्य में आरक्षण दिया गया. जनवरी में महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के आंकड़ों के मुताबिक पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण का पर्याप्त आधार है. इसलिए, कोर्ट अपना पिछला आदेश वापस ले. लेकिन कोर्ट ने इस आंकड़े को त्रुटिपूर्ण बताते हुए खारिज कर दिया था. कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण लागू होने तक चुनाव टालने के आदेश देने से मना कर दिया था.


आज राहुल रमेश वाघ समेत कई लोगों की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच में सुनवाई के लिए लगी थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट के संज्ञान में यह बात लायी गयी कि परिसीमन समेत कुछ मसलों पर महाराष्ट्र के नए आदेशों के चलते नगर पालिकाओं और जिला पंचायतों के चुनाव रुके हुए हैं.


राज्य चुनाव आयोग ने भी कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया था कि मॉनसून के बाद ही चुनाव संभव हो सकेंगे. सभी पक्षों को थोड़ी देर सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव टालने को अनुचित कहा. कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कहा है कि वह 2 हफ्ते में चुनाव की तारीख की घोषणा करते हुए अधिसूचना जारी करे.


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