Mumbai Women Crime Rise: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की तरफ से सोमवार (4 द‍िसंबर) को र‍िपोर्ट जारी की गई थी. इसमें महिलाओं के खिलाफ अपराध के दर्ज मामलों में दिल्ली के बाद मुंबई दूसरे नंबर पर है. एनसीआरबी ने 2022 में हुए देश भर में घटी आपराधिक घटनाओं पर आधारित आंकड़े जारी किए हैं. 


रिपोर्ट के मुताब‍िक, पिछले साल देश में कुल 58 लाख 24 हजार 946 अपराध दर्ज किए गए जिनमें आईपीसी के तहत 35 लाख 61 हजार 379 अपराध और राज्य के विशेष कानूनों के तहत 22 लाख 63 हजार 364 अपराध शामिल हैं. हालांकि, 2021 की तुलना में 2022 में साढ़े 4 फीसदी अपराध बढ़े हैं. इनमें पूरे देश में उत्तर प्रदेश पहला, महाराष्ट्र दूसरा जबकि मध्यप्रदेश का तीसरा स्थान है. 


देश की आर्थिक राजधानी मुंबई जिसे एक सुरक्षित शहर भी माना जाता है लेकिन अब यही शहर महिलाओं के लिए असुरक्षित हो चुका हैं. इस रिपोर्ट के बाद महाराष्ट्र में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीत‍ि भी शुरू हो गई है लेकिन क्या मुंबई की महिलाओं को लगता है क‍ि मुंबई असुरक्षित हो गई है? इसको लेकर एबीपी ने ग्राउंड हकीकत जानने का प्रयास क‍िया. 


मुंबई की महिलाओं को लेडीज डिब्बे में ट्रैवल करना पसंद   


इस दौरान महिलाओं ने एबीपी न्यूज से कहा क‍ि मुंबई पहले से काफी ज्यादा असुरक्षित हो चुकी हैं. सड़क पर चल रही महिला अगर रात को बाहर दिखती हैं तो लोग पीछा करते हैं, कुछ लोग घूरते हैं. मुंबई की महिलाओं ने बताया क‍ि वह लेडीज डिब्बे में ट्रैवल करना पसंद करती हैं क्योंकि आम डिब्बे में कोई गलत तरीके से छू सकता हैं.  


महाराष्‍ट्र में सबसे ज्‍यादा पॉक्‍सो के मामले दर्ज 


NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, बाल शोषण (पॉक्सो) के सबसे ज्यादा 20 हजार 762 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं. राज्य बाल शोषण के मामले में पहले स्थान पर है. इसके बाद मध्य प्रदेश में 20 हजार 415 अपराध दर्ज हैं.  


शहरों में मह‍िलाओं के ख‍िलाफ ह‍िंसा के मामले 


इसके अलावा बात अगर शहरों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की करें तो दिल्ली में 14,158, मुंबई में 6,176, बेंगलुरु में 3,924, जयपुर में 3,479 और हैदराबाद में 3,145 मामले दर्ज क‍िए गए. 


महिलाओं के साथ अत्याचार में मुंबई नंबर दो पर, शर्मनाक बात- उद्धव ठाकरे


इस मामले पर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए हैं. उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर कहा क‍ि इस पर अब और क्या बोलना चहिए मैंने तो उस वक्त मराठी में कहा था, सरकार चलाने वाले नालायक हैं. दूसरा शब्द क्या है, यह आप मुझे बताइए. लाडली बहना का सवाल बिल्कुल ठीक है लेकिन इस बहन का जो सवाल था महिलाओं के साथ अत्याचार में मुंबई नंबर दो पर है. लाडली बहना का उपयोग मध्य प्रदेश में भले ही हुआ होगा लेकिन मणिपुर में उसका उपयोग क्यों नहीं हुआ. महाराष्ट्र में क्यों नहीं हुआ. सारी बहनें बहन होती हैं. महिलाओं के साथ अत्याचार में मुंबई नंबर दो पर है, यह शर्म की बात हैं.  


'शिवसेना का दावा- कनव‍िक्‍शन रेट काफी बेहतर' 


उधर, शिवसेना की प्रवक्ता मनीष कयांदे ने राज्‍य सरकार की तरफ से कहा क‍ि केवल मुंबई और दिल्ली नहीं देश में जहां भी महिलाओं पर क्राइम बढ़ रहा है, उस पर सरकार की नजर है. महिलाओं के ऊपर जिस तरह के अत्याचार हो रहे हैं इसको लेकर सरकार सख्त रूख अख्‍त‍ियार कर काम कर रही है. राज्य में पॉक्सो के जितने मामले आए हैं, उसको गंभीरता से लिया जाता है. उन्‍होंने कहा कि जि‍तने भी मामले दर्ज किए गए हैं, उसके अनुसार कनव‍िक्‍शन रेट भी काफी बेहतर है.  


सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कड़े कानून बनाने की जरूरत- एडीजीपी पीके जैन 


एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस पीके जैन ने बातचीत के दौरान कहा कि अगर सुरक्षा की बात की जाए तो महाराष्ट्र और मुंबई नॉर्थ इंडिया से काफी बेहतर है. NCRB के जो आंकड़े दर्ज किए जाते हैं, वह डाटा के आधार पर होते हैं, किस राज्य में कितना ज्यादा क्राइम हुआ और उसको कितना दर्ज किया गया. उसके आधार पर यह सुनिश्चित किया जाता है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण यह होता है कि जब रिपोर्ट दर्ज की गई उसके बाद कनविक्शन रेट क्या है, उस मामले में जांच कहां तक आगे पहुंची, और उसकी हकीकत क्या है. उसके आधार पर ही इस बात का पता लगाया जा सकता है कि हम कितने सुरक्षित हैं. इस मामले में राज्य सरकार और सुरक्षा व्यवस्था को कड़े कानून बनाने की जरूरत हैं. उन्‍होंने कहा क‍ि महिलाएं आजकल काफी हिम्मत वाली हो चुकी हैं. इसीलिए मामलों के दर्ज होने की संख्या बढ़ चुकी हैं.  
 
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