नई दिल्ली:  शरद पवार की पार्टी एनसीपी वैसे तो यूपीए की सहयोगी है, लेकिन गुजरात में एनसीपी कांग्रेस के साथ खड़ी नहीं होगी. 8 अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले एनसीपी के यू टर्न लेने से कांग्रेस को झटका लगा है.


गुजरात से अहमद पटेल के राज्यसभा पहुंचने की राह में कांटे ही कांटे हैं. अपने विधायकों के बगावती तेवर से परेशान कांग्रेस को पुराने सहयोगी एनसीपी पर भरोसा था, लेकिन लगता है कि अब उसने भी साथ छोड़ने का मन बना लिया है.

एनसीपी के गुजरात प्रवक्ता मनोहर पटेल के मुताबिक राज्यसभा चुनाव में एनसीपी कांग्रेस उम्मीदवार को वोट देगी या नहीं ये अभी तय नहीं है. जबकि 31 जुलाई को ही शरद पवार ने बयान दिया था कि गुजरात में एनसीपी के दोनों विधायक अहमद पटेल को वोट देंगे. शरद पवार ने ये बात अहमद पटेल को भी बता दिया था. ऐसे में अचानक से यू टर्न लेने से अहमद पटेल के लिए संकट खड़ा हो सकता है.

गुजरात में कांग्रेस के 57 विधायक थे. जिनमें से 6 इस्तीफा दे चुके हैं. 44 विधायक बेंगलूरु में मौजूद है, जबकि 7 विधायक बेंगलूरु नहीं पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि वो भी बागी हैं. अहमद पटेल को जीत के लिए 45 वोट चाहिए.  ऐसे में कांग्रेस एनसीपी के दो विधायकों के आसरे है.

वैसे पर्दे के पीछे खबर ये है कि एनसीपी गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ज्यादा सीटों पर डील कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक एनसीपी कांग्रेस से 20 सीट मांग सकती है, जबकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ चार ही सीट दी थी.