Amol Kolhe Poem On Ram Mandir: एनसीपी के शरद पवार गुट के सांसद अमोल कोल्हे ने अयोध्या के राम मंदिर पर संसद में एक कविता सुनाई, जो वायरल हो रही है. सांसद कोल्हे ने इस कविता के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर तंज कसा है.

एनसीपी नेता ने संसद के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार (2 फरवरी) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर चर्चा के दौरान यह कविता सुनाई. एनसीपी नेता कोल्हे ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा, ''मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम, हमारे रामलला जो विराजमान हुए, उसके लिए मैं समूचे देश का अभिनंदन करता हूं...''उन्होंने परोक्ष रूप से केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कविता सुनाई.

राम मंदिर पर एनसीपी नेता अमोल कोल्हे की कविता

जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की बात आई तो किसी ने कहा बिना कलश के प्राण प्रतिष्ठा कैसे होगीकिसी ने कहा जब चुनाव ही प्राण हो तो सोचो कौन सी प्रतिष्ठा दांव पर लगी होगीलोग तो कुछ कहेंगे, लोगों का काम है कहनाआप जन की बात मत सुनना, सिर्फ मन की बात करनाफिर भी खुश थे हम500 साल का सपना जो पूरा हो रहा थाहमारे अंदर का हिंदू भी पूरी तरह से जाग गया थातो चल पड़े अयोध्या की ओर रामलला के दर्शन की आस लगाएजो सामने नजारा देखा वो देखकर दंग रह गएवो तीन मंजिलें, 400 खंभे, 32 सीढ़ियांजय श्रीराम का नारा लगाते हुए हम सीढ़ियां चढ़ने लगेरामलला से क्या गुहार लगाएं ये सोचने लगेपहली सीढ़ी पर याद आई महंगाईदूसरी पर देश में बढ़ती बेरोजगारीतीसरी पर पत्रकारिता की चरण चुंबकताचौथी पर सेंट्रल एजेंसीज की संदिग्ध भूमिकाहर सीढ़ी पर कुछ न कुछ याद आ रहा थाकहीं 15 लाख का जुमला, कहीं किसानों का आक्रोश थाकहीं महिला कुस्तिगिरों की वेदना थी, कहीं सालाना दो करोड़ रोजगारों का वादा थाकहीं बढ़ती सांप्रदायिकता थी तो कहीं चुनिंदा पूंजीपतियों पर मेहरबान हमारी सरकार का चेहरा थाइस वास्तविकता के झंझोड़ने के बाद भी हम अंधभक्तों की तरह चलते गएहोश तो तब संभाला जब रामलला के दर्शन हुएहमें नतमस्तक देख रामलला मुस्कुराते हुए बोलेमैं कल भी था, आज भी हूं, कल भी रहूंगाजितना इस मंदिर में हूं, उतना ही तुम्हारे मन में रहूंगालेकिन याद रखना हमेशा, मैंने त्रेतायुग में रामराज्य लाया थातुम कलयुग में जीते हो जहां संविधान ने गणराज्य लाया हैधर्म समाज का किनारा जरूर है लेकिन देश एक बहती धारा हैकिनारे को धारा के बीच में लाया तो प्रवाह अड़ जाता है, प्रगति के पथ से हट जाता हैइसलिए धर्म का ठेकेदार नहीं, पहरेदार बनना चाहिएतुम रहो न रहो, वो रहे न रहे, ये देश रहना चाहिए, देश का संविधान रहना चाहिए, देश का लोकतंत्र रहना चाहिए, ये देश, देश रहना चाहिए

22 जनवरी हो हुई थी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. मुख्य अनुष्ठान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आदि गणमान्य लोग शामिल हुए थे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित किया था. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी जा रही है. साथ ही मंदिर सुर्खियों में बना हुआ है.

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