Mumbai Cruise Drugs Case: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अपने पुलिस अधीक्षक (SP) विश्व विजय सिंह को सेवा से हटा दिया है. यह वही एसपी हैं, जो अक्टूबर 2021 में कॉर्डेलिया क्रूज जहाज पर छापा मारने वाली टीम का हिस्सा थे, जिसमें सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया था.


हालांकि, जिस मामले में इन्हें सेवा से हटाया गया है वह आर्यन खान की जांच का हिस्सा नहीं है. सिंह पिछले साल अप्रैल से पहले से ही निलंबित थे और उनके आचरण को लेकर एनसीबी की ओर से जांच की जा रही थी. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि हाल ही में एक अलग मामले में जांच पूरी की गई जिसके बाद उन्हें सेवा से हटाने का फैसला लिया गया.


सात अधिकारियों के खिलाफ की गई विभागीय कार्रवाई


NCB के महानिदेशक सत्य नारायण प्रधान ने विकास को हटाए जाने की पुष्टि की है. हालांकि, विकास का कहना है कि वह  इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. यह मामला गृह मंत्रालय (MHA) के पास लंबित है. वहीं, कोर्डेलिया छापे में पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के नेतृत्व में एनसीबी की मुंबई टीम पर लगाए गए आरोपों की एक अलग जांच पिछले साल नवंबर में पूरी हुई थी, जिसके आधार पर सात अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई थी. जांच में जो कुछ सामने आया उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है.


वानखेड़े को किया था चेन्नै ट्रांसफर 


वानखेड़े एक भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी हैं, जिनका 2 अक्टूबर 2021 की रात ग्रीन गेट पर अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल पर कॉर्डेलिया जहाज पर छापा मारने को लेकर ट्रांसफर कर दिया गया था. इस केस में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को क्लीन चिट मिलने के बाद वानखेड़े का चेन्नै ट्रांसफर किया गया था.


एनसीबी ने ड्रग्स और 1.33 लाख नकद रुपये जब्त करने का दावा किया था. इस मामले में 14 लोगों को पकड़ा और घंटों की पूछताछ के बाद 3 अक्टूबर को आर्यन खान (24), अरबाज मर्चेंट (26) और मुनमुम धमेचा (28) को गिरफ्तार कर लिया था. 


आर्यन खान के खिलाफ नहीं मिले थे सबूत 


व्हाट्सएप चैट के आधार पर वानखेड़े की टीम ने दावा किया था कि आरोपी एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे. आरोप लगाया गया था कि आर्यन खान कुछ विदेशी ड्रग सप्लायर के संपर्क में था और चैट में "हार्ड ड्रग्स" और "भारी मात्रा" का जिक्र था. हालांकि, NCB के दावों को खारिज करते हुए, बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस नितिन डब्ल्यू सांबरे की एकल पीठ ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि किसी भी साजिश के अस्तित्व का सुझाव देने के लिए कोई सबूत नहीं था. 


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