Nawab Malik vs Sameer Wankhede: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक करीब-करीब हर दिन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर खुलासे करते रहते हैं. आज एक बार फिर नवाब मलिक ने ट्वीट करके कहा है कि 'चलो आज करते है एक और फर्जीवाड़ा पर चर्चा'. इससे पहले एक ट्ववीट में नवाब मलिक ने सदगुरू रेस्टो बार की तस्वीर शेयर कर लिखा- समीर दाउद वानखेड़े का एक और है यह फर्जीवाड़ा केंद्र.''


नवाब मलिक ने कल क्या आरोप लगाए थे?


इससे पहले कल नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि वानखेड़े ने अपनी पहली पत्नी के रिश्तेदार को ड्रग्स के एक मामले में गलत तरीके से फंसाया ताकि उसका परिवार अधिकारी के खिलाफ न बोल सके. मलिक ने कहा कि वानखेड़े ने भारतीय पुलिस सेवा के एक अधिकारी के बेटे को भी ड्रग्स के मामले में फंसाया और उसे गिरफ्तार करवाया. मलिक ने कहा कि आईपीएस अधिकारी के साथ वानखेड़े का कोई विवाद था, जिसके चलते उन्होंने ऐसा किया.






वानखेड़े अपनी पहली पत्नी शबाना कुरैशी को 2016 में तलाक दे चुके हैं और उन्होंने अभिनेत्री क्रांति रेडकर से 2017 में शादी की थी. मंत्री ने कहा, “वानखेड़े ने सोचा कि उनकी पहली पत्नी उनके खिलाफ बोल सकती है इसलिए उन्होंने ड्रग्स बेचने वाले एक व्यक्ति के जरिये ड्रग्स रखवाया और उसके (पहली पत्नी) रिश्तेदार को राज्य पुलिस के नारकोटिक्स रोधी प्रकोष्ठ द्वारा गिरफ्तार करवा दिया.” उन्होंने कहा, “उनकी पहली पत्नी को धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने वानखेड़े के खिलाफ बोला तो पूरे परिवार को ड्रग्स बेचने के अपराध में गिरफ्तार कर लिया जाएगा.” पिछले महीने एक क्रूज पर एनसीबी के छापा पड़ने के बाद से मलिक वानखेड़े पर हमला बोलते रहे हैं.


वानखेड़े के पिता की याचिका पर 22 नवंबर को आदेश पारित करेगा हाई कोर्ट


वहीं, बॉम्बे हाई कोर्टसमीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े की याचिका पर 22 नवंबर को आदेश पारित करेगा. याचिका में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अंतरिम राहत की मांग के साथ ही कहा गया है कि मंत्री को समीर वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक सामग्री डालने से रोका जाए.  न्यायमूर्ति माधव जामदार की एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को मलिक और ज्ञानदेव वानखेड़े द्वारा सौंपे गए अतिरिक्त दस्तावेजों का संज्ञान लिया, जो एनसीबी के अधिकारी के जाति प्रमाण पत्र को लेकर चल रहे विवाद से संबंधित हैं. अदालत ने स्कूल नामांकन फार्म और स्कूल परित्याग प्रमाण पत्र का भी संज्ञान लिया जिसे मलिक ने सौंपा है. मलिक ने दावा किया कि यह समीर वानखेड़े का है और वह जन्म से मुस्लिम हैं. ज्ञानदेव वानखेड़े ने इसके जवाब में दस्तावेज पेश किए जिसमें उनके बेटे के जन्म का प्रमाण पत्र और उनकी जाति का प्रमाण पत्र शामिल है जिसमें कथित रूप से दिखाया गया है कि वास्तव में वह अनुसूचित जाति के हैं.


मलिक का आरोप है कि समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम हैं लेकिन अनुसूचित जाति श्रेणी से होने का दावा कर उन्होंने केंद्र सरकार की नौकरी हासिल की, लेकिन वानखेड़े ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से इंकार किया है. वानखेड़े के पिता ने इस महीने की शुरुआत में हाई कोर्ट में मानहानि की याचिका दायर कर आग्रह किया कि मलिक को उनके और उनके परिवार के खिलाफ सोशल मीडिया में अपमानजनक बयान जारी करने से रोका जाए. उन्होंने सवा करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की भी मांग की है.


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