Guru Nanak Jayanti 2021: आज प्रकाश पर्व है. गुरुद्वारे सजे हुए हैं. कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन ही सिख पंथ के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था. गुरु नानक देव ने लोगों को प्रेम, एकता, समानता और एक ईश्वर का संदेश दिया था. गुरु पर्व से ठीक पहले गुरु नानक देव जी से जुड़ा अहम स्थान दरबार साहिब गुरुद्वारे के लिए बना करतारपुर कॉरिडोर खुल गया है. लेकिन करतारपुर में दर्शन को लेकर राजनीति की जंग छिड़ी हुई है.


कल करतारपुर कॉरिडोर खुलने के दूसरे ही दिन सिखों की नुमाइंदगी करते हुए पंजाब के सीएम चरनजीत सिंह चन्नी ने अपनी सरकार के साथियों के साथ नानक दरबार में माथा टेका. अरदास लगाने चन्नी अकेले नहीं गए बल्कि कई कैबिनेट मंत्री उनके साथ थे. उनके साथ पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह, मनप्रीत सिंह बादल और विजिंदर सिंगला भी मौजूद थे. इसके अलावा पंजाब के विधायक हरप्रताप सिंह अजनाला और वृन्दरजीत सिंह पहरा ने भी सीएम के साथ दरबार में हाजिरी लगाई. चरणजीत सिंह चन्नी का परिवार भी उनके साथ दर्शन के लिए पहुंचा था. 


करतारपुर की 'रेस' में पिछड़े सिद्धू!
लेकिन इस जत्थे में पंजाब के कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू नजर नहीं आए. सिद्धू ने कल ही इस जत्थे में शामिल होने की उम्मीद जताई थी लेकिन रेस में पिछड़ गए. सिद्धू को सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के जत्थे में जगह नहीं मिली. शुक्रवार को पंजाब सरकार को जो दूसरा जत्था जाएगा, उसमें भी सिद्धू शामिल नहीं है, उनका नंबर शनिवार यानी 20 नवंबर वाले जत्थे में आएगा. 


पंजाब सरकार ने करतारपुर में दरबार साहिब के दर्शन के लिए 50 लोगों की लिस्ट केंद्र को भेजी थी, जिसे सरकार ने तीन जत्थों में बांट दिया, जिसके पहले जत्थे में सीएम चन्नी ने दर्शन किए. अब शुक्रवार को डिप्टी सुखजिंदर रंधावा के साथ एक जत्था जाएगा और फिर अगले दिन सिद्धू का नंबर आएगा. वहीं पहले दर्शन के लिए राजनैतिक दलों में भी मार थी. सीएम चन्नी के पहुंचने से पहले ही बीजेपी नेताओं का एक जत्था पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा के नेतृत्व में करतारपुर में दरबार साहिब पहुंच गया. 


AAP का केंद्र और पंजाब सरकार पर निशाना
करतारपुर साहिब जाने के लिए आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को केंद्र से मंजूरी नहीं मिली. सांसद भगवंत मान सभी विधायकों के साथ करतारपुर मत्था टेकने जाने वाले थे. दिल्ली के सीएम केजरीवाल ट्वीट कर बोले, गुरुपर्व के दिन मत्था टेकने से रोकना बहुत गलत. ऐसी राजनीति देश के लिए ठीक नहीं. गुरु दरबार में अरदास से दुश्मन को भी नहीं रोकना चाहिए.


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