National Mourning India Rules: भारत (India) ने जापान के पूर्व राष्ट्रपति शिंजो आबे (Japan Ex PM Shinzo Abe) के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए 9 जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक (National Mourning) की घोषणा की है. शिंजों आबे को शुक्रवार नारा शहर में भाषण देने के दौरान गोली मार दी गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शिंजो आबे के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदानाएं व्यक्त करते हुए ट्वीट कर कहा,"जापान के पूर्व राष्ट्रपति शिंजो आबे के निधन के सम्मान में 9 जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती है."

पीएम मोदी ने आगे लिखा कि, "मैं अपने एक प्रिय मित्र शिंजो आबे के आकस्मिक निधन से गहरे सदमे में हूं. वह एक अच्छे नेता और कुशल प्रशासक थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन जापान और दुनिया को बेहतर बनाने के लिए समर्पित कर दिया." क्या आप जानते हैं कि किसी के निधन के बाद राष्ट्रीय शोक की घोषणा कैसे की जाती है? आइए जानते हैं इसके बारे में...

राष्ट्रीय शोक का नियम

पहले देश में केवल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रह चुके लोगों के निधन पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती थी. लेकिन समय के साथ राष्ट्रीय शोक के नियमों में भी बदलाव किए गए. जिसक तहत केंद्र को यह अधिकार दिया गया है कि देश और विदेश के गणमान्य व्यक्तियों के निधन को लेकर सरकार राष्ट्रीय शोक का ऐलान कर सकती है. 

कौन कर सकता है राष्ट्रीय शोक की घोषणा

राष्ट्रीय या राजकीय शोक की घोषणा पहले केवल केंद्र सरकार द्वारा की जाती थी. पहले राष्ट्रपति केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा करते थे. लेकिन नियम बदल चुके हैं. अब राज्यों के पास भी ये अधिकार है कि वे खुद तय करे कि उन्हें कब राजकीय शोक की घोषणा करनी है. यानी नए नियम के अनुसार अब केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अलग-अलग राजकीय शोक का ऐलान कर सकती है. 

आधा झुका रहता है तिरंगा

नियम के मुताबिक राष्ट्रीय शोक के दौरान देश के सचिवालय, विधानसभा समेत सभी सरकारी दफ्तरों में लगे राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहते हैं. यही नहीं, भारत से बाहर सभी भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों में लगे राष्ट्रीय ध्वज को भी आधा झुकाया जाता है. इस दौरान सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया जाता है. 

कब होता है सार्वजनिक अवकाश

आपको बता दें कि राष्ट्रीय शोक के दौरान कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता है. केवल राष्ट्रपति प्रधानमंत्री के पद पर रहते निधन होने की स्थिति में सार्वजनिक अवकाश का प्रावधान है. हांलाकि, राज्य सरकारों के पास किसी गणमान्य व्यक्ति के निधन पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा करने का अधिकार है. 

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