National Herald Money Laundering Case: कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पार्टी को एक और झटका लगा है. पीएमएलए निर्णायक प्राधिकरण ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस से जुड़े ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार और उससे संबंधित कंपनियों की लगभग 752 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्की के आदेश को बुधवार (10 अप्रैल) को बरकरार रखा.


इस फैसले से ईडी के संपत्ति को अपने कब्जे में लेने का रास्ता साफ हो गया है. प्राधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि उसका मानना है कि ईडी की ओर से कुर्क की गई चल संपत्ति और ‘इक्विटी’ शेयर अपराध से अर्जित कमाई हैं और धन शोधन के अपराध से संबंधित हैं. ईडी अब दिल्ली में आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई, लखनऊ और कुछ अन्य स्थानों पर भूखंड और भवन जैसी संपत्तियों को अपने कब्जे में ले सकती है.


पिछले साल कुर्क की थी संपत्ति


अदालत की ओर से अभियोजन पक्ष (ईडी) के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद इन संपत्तियों की अंतिम कुर्की की जा सकती है. ईडी ने पिछले साल नवंबर में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन (वाईआई) के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अनंतिम कुर्की आदेश जारी करके इन संपत्तियों को कुर्क किया था.


यंग इंडिया में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सबसे बड़े शेयरधारक


‘नेशनल हेराल्ड’ एजेएल की ओर से पब्लिश किया जाता है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन के सबसे बड़े शेयरधारक हैं और उनमें से प्रत्येक के पास 38 प्रतिशत शेयर हैं. कांग्रेस ने उस वक्त एजेंसी की कार्रवाई को ‘‘प्रतिशोध वाला कदम’’ बताया था और ईडी को बीजेपी का सहयोगी करार दिया था. एजेंसी ने एक बयान में आरोप लगाया था कि इस मामले में एजेएल और पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा कांग्रेस के शेयरधारकों और दानकर्ताओं को ‘‘धोखा’’ दिया गया था.


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