Narendra Modi ANI Interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेतृत्व वाली सरकार की एक पहचान यह भी है कि वे काम, फैसलों और राजनीति के मोर्चे पर आम से लेकर खास तक को चौंकाते रहे हैं. हालांकि, केंद्र में आने के बाद इस बात की बानगी सबसे पहले 2014 में देखने को मिली थी. उन्होंने तब एक छोटे से फैसले से पूरे सिस्टम को हिला दिया था. सोमवार (15 अप्रैल, 2024) को समाचार एजेंसी 'एएनआई' पर प्रसारित इंटरव्यू में पीएम  नरेंद्र मोदी खुद यह किस्सा सुनाते नजर आए. 


गुजरात के नाता रखने वाले बीजेपी के फायरब्रांड नेता ने बताया, "साल 2014 में मेरे शपथ ग्रहण का कार्यक्रम था, जिसके लिए मैंने तय किया था कि उसमें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों के नेताओं को बुलाया जाएगा. चूंकि, चुनाव प्रचार में लोग आरोप लगाते थे कि मोदी तो एक राज्य से आया है. यह विदेश नीति क्या समझेगा...यह तो देश को डुबो देगा! लोग इस बात पर मेरा मजाक उड़ाते थे. ऐसे में मैंने सोचा कि एक ही काम से विपक्षियों को जवाब देना चाहिए."



पीएम के मुताबिक, "मैंने सार्क देशों के नेताओं को बुलाया था और बैक चैनल से उन्हें यहां बुलाने के लिए सहमति ले ली थी. सब लोग आए. मेरी शपथ हुई और उस समय तक हमारी सरकार का विदेश मंत्री नहीं बना था. मैं इन सारी चीजों से अनभिज्ञ था. मैं जब बाद में हैदराबाद हाउस गया तो वहां प्रोटोकॉल आदि की जानकारी दी गई थी. मुझे बताया गया था कि विदेशी मेहमानों से कैसे मिलना है"


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किस्सा बताते हुए नरेंद्र मोदी आगे बोले- जब सार्क मुल्कों के नेताओं के आने का समय हुआ तब मैंने कहा कि मैं उन्हें बाहर रिसीव करने जाता हूं...सारा सिस्टम मेरी इस बात को सुनकर हिल गया था. वे लोग सोचने लगे थे कि हमारे प्रधानमंत्री गेट पर उन्हें लेने जाएंगे. मेरी जो प्रोटोकॉल की दुनिया थी, उसके लिए वह पहला दिन ही बड़ा गजब का था और मेरे लिए उस एक एक्शन ने सारे दरवाजे खोल दिए थे. मैं प्रोटोकॉल में बंधने के बजाय परफॉर्मेंस पर फोकस करके डिप्लोमेसी (कूटनीति) के स्तर को शिफ्ट करने का प्रयास किया और इसमें मुझे सफलता भी मिली."


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