Mumbai Special PMLA Court: मुंबई के सेशन कोर्ट की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने यस बैंक के फ़ाउंडर राणा कपूर को जमानत दी. उन पर 900 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. आरोप है कि राणा कपूर ने HDIL को नियमों की अनदेखी कर 900 करोड़ का लोन दिया था. राणा कपूर को जमानत मिलने के बावजूद उन्हें जेल में रहना होगा क्योंकि उनके ख़िलाफ़ कई और मामले हैं जिनमें उनकी गिरफ़्तारी भी हुई है.


क्या है मामला?


दरअसल यस बैंक घोटाले मामले की जांच कर रही जांच एजेंसी ईडी ने यस बैंक के फ़ाउंडर राणा कपूर को साल 2020 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था. राणा कपूर  के खिलाफ CBI ने मार्च 2020 में धोखाधड़ी व आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया था.


साल 2020 में सीबीआई (CBI) ने इस मामले की जांच करते हुए उनपर धोखाधड़ी और साजिश केस किया था. इसके बाद ईडी ने इस मामले की जांच की और केस दर्ज किया. इसमें जांच एजेंसी ने गौतम थापर, मैसर्स अवंथा रियल्टी लिमिटेड समेत कई अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी , जालसाजी और पैसे की हेराफेरी का मामला दर्ज किया. इस मामले में सीबीआई ने राणा कपूर और अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की थी. उन्हें 2020 में  ईडी ने गिरफ्तार किया था


उन पर पद के दुरुपयोग करने और अपने परिवार को फायदा पहुंचाने का आरोप है. उन पर आरोप थे कि उनके गलत निर्देशों और फैसलों की वजह यस बैंक को 466 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि राणा कपूर ने घूस लेकर बड़े कर्ज को मंजूरी दे दी. इस रकम को उन्होंने अपने परिवार के नियंत्रण वाली कंपनियों में लगाया. ये लोग बैंक के लिए एनपीए बन गए और बैंक को काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.


इसके बाद से ही वो मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में जेल में बंद थे,लेकिन नवंबर 2022 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने 466.51 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में से एक मामले में जमानत दे दी थी. ये केस केंद्रीय जांच एजेंसी ने दर्ज किया था.


कांग्रेस पर भी उठे थे सवाल


बीते महीने ही 13 मार्च को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की स्टडी को लेकर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा पर तंज किया था. उन्होंने कहा था कि प्रियंका गांधी से मेरा सवाल है कि किसने राणा कपूर को एक पेंटिंग खरीदने के लिए 2 करोड़ रुपये की घूस देने के लिए मजबूर किया था? ये मिस्टर आर कौन हैं जो इसमें शामिल थे?


दरअसल एफएटीएफ ती रिपोर्ट में इसका जिक्र है कि कैसे मिस्टर ए ने खुद के लिए पद्म भूषण हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर रिश्वत का सहारा लिया. 


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