मुंबई में 2 मार्च से सभी स्कूल पूर्णकालिक रूप से शुरू हो जाएंगे. कोरोना के मामले कम होने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है. अब स्कूलों में 100% क्षमता के साथ पढ़ाई हो सकेगी. लंबे समय से कोरोना संक्रमण की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी. 'एबीपी न्यूज़' ने मुंबई के दादर में स्थित गोखले रोड स्कूल में बच्चों से इस निर्णय के बारे में बात की. चलिए जान लेते हैं कि बच्चों ने इस निर्णय पर क्या कहा. 

दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों ने कहा कि वह इस निर्णय से काफी खुश हैं क्योंकि उन्होंने स्कूल बंद होने की वजह से 2 साल घर बैठकर ऑनलाइन पढाई की है. ऑनलाइन तरीके से पढाई अच्छे से नहीं हो पाती है. इसीलिए पूर्णकालिक रूप से शुरू हो रहे स्कूलों के लिए हम काफी खुश हैं. जल्द ही दसवीं के बोर्ड एग्जाम होने जा रहे हैं और बच्चों को ऑफलाइन एग्जाम देने में ज्यादा बेहतर लगता है. बच्चों ने इसी की इच्छा जताई. 

आठवीं कक्षा के बच्चे पूर्णकालिक रूप से शुरू होने जा रही स्कूलों के लिए काफी उत्सुक हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना प्रोटोकॉल के कारण केवल 2 घंटे स्कूल खुले हुए थे, जिस वजह से मैदान में खेलने की अनुमति नहीं थी लेकिन अब टिफिन भी ला सकते हैं. बच्चे सरकार के इस नियम से काफी खुश दिखे. बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि कोरोना की वजह से बच्चों की पढाई अच्छे से नहीं हो पाती थी. इसलिए हम सरकार के इस निर्णय का समर्थन करते हैं.

गोखले रोड स्कूल की प्रिंसिपल लीना देसाई ने एबीपी न्यूज़ को बताया के नये दिशा निर्देशों में टीचर और बच्चों का टीकाकरण जरूरी है, लेकिन जिन बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है उनकी ज़िम्मेदारी बीएमसी ले रही है. उन बच्चों को स्कूल में टीका लगाया जाएगा. नए दिशा निर्देशों में बच्चे अब प्लेग्राउंड पर जा कर खेल सकते हैं. हालांकि मैदान पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा. कोरोना नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा.

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