MS Swaminathan Death:  भारत में हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले एमएस स्वामीनाथन का निधन गुरुवार सुबह हो गया है. वह 98 वर्ष के थे. चेन्नई के अस्पताल में सुबह 11:20 पर उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जहर किया है.


पीएम ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, " डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी के निधन से गहरा दुख हुआ. हमारे देश के इतिहास में एक बहुत बुरे वक़्त में, कृषि में उनके अभूतपूर्व कार्य ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया और हमारे देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की. कृषि में अपने क्रांतिकारी योगदान के अलावा, डॉ. स्वामीनाथन नवाचार के पावरहाउस और कई लोगों के लिए एक मेंटर थे. अनुसंधान और मेंटरंशिप के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने अनगिनत वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स पर एक अमिट छाप छोड़ी है."


'उनका जीवन प्रेरणादायक'


अपने पोस्ट में PM ने आगे कहा, "मैं डॉ. स्वामीनाथन के साथ अपनी बातचीत को हमेशा याद रखूंगा. भारत को प्रगति करते देखने का उनका जुनून अनुकरणीय था. उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति." पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वो बढ़ती उम्र की वजह से होने वाली बीमारियों से लंबे समय से पीड़ित थे.


'दूसरों की चिंता करते रहे'


उन्होंने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिससे सुनिश्चित हुआ के भारत में कम आय वाले किसान अधिक पैदावार कर पाएं. एम एस स्वामीनाथन की बेटी सौम्या स्वामीनाथन ने दूरदर्शन से विशेष बातचीत में कहा है कि उनके पिता जीवन में हमेशा दूसरों के लिए, किसानों, मज़दूरों, देश के लिए हमेशा चिंता करते रहे. यहां तक कि खराब स्वास्थ्य के बाद भी उन्होंने दूसरों की चिंता करना जारी रखा.


ये भी पढ़ें: MS Swaminathan Death: खाने की कमी से जूझते भारत की बदली तस्वीर, कौन थे हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन