Madras High Court Decision: साल 2014 में एक इंजीनियर की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी. इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट की मुदुरै खंडपीड ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि मृतक के पिता को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. मृतक विग्नेश की तिरुवन्नमलाई अरुणाचलेश्वर मंदिर में 'गिरिवलम' के दौरान एक चिकित्सा शिविर में बिजली के करंट से मौत हो गई थी.


मृतक अंगप्पन उर्फ विग्नेश और उसके दोस्त 'गिरिवलम' में हिस्सा लेने के लिए तिरुवन्नामलाई गए थे. उसी दौरान रात करीब 10.45 बजे सड़क किनारे लगा एक होर्डिंग विग्नेश और कुछ अन्य लोगों पर गिर गया. विग्नेश को गंभीर चोटें आईं जिसके बाद इन लोगों को एक चिकित्सा शिविर में ले जाया गया. जहां उसकी मौत हो गई.


विग्नेश के पिता ने हाईकोर्ट में की थी अपील


विग्नेश कैंप टेंट के लोहे के खंभों में से एक के संपर्क में आ गया और बिजली के रिसाव के कारण उसे बिजली का झटका लगा. अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए, विग्नेश के पिता स्वामीजी ने साल 2014 में 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया.


याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने कहा, "तमिलनाडु जिला नगर पालिका अधिनियम, 1920 में निर्धारित वैधानिक योजना स्थानीय निकाय पर भक्तों की भलाई के लिए उचित व्यवस्था करने का दायित्व डालती है. नगर पालिका लाइसेंस शुल्क और टोल के संग्रह से संतुष्ट नहीं रह सकती."


कोर्ट ने राज्य सरकार को क्यों बताया जिम्मेवार?


हालांकि न्यायाधीश ने माना कि होर्डिंग का गिरना विग्नेश की मौत का प्रत्यक्ष कारण नहीं था. उन्होंने इस तथ्य पर न्यायिक संज्ञान लिया कि तमिलनाडु में होर्डिंग्स को असुरक्षित तरीके से लगाने की वजह से काफी मौतें हुई हैं साथ ही चिकित्सा शिविर में अनुचित तारों के कारण बिजली का रिसाव हुआ. न्यायाधीश ने जिला प्रशासन और तिरुवन्नामलाई नगर पालिका को उत्तरदायी ठहराया और सरकार को एक महीने के भीतर स्वामीजी को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया.


ये भी पढ़ें: Ujjain Rape News: नाबालिग के साथ रेप मामले में कई खुलासे, बच्ची के लिए लोगों ने बढ़ाए मदद के हाथ