Health Emergency Package: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारी के तहत मोदी सरकार ने गुरुवार को एक नए कोरोना इमरजेंसी पैकेज का एलान किया. 23,220 करोड़ रुपए के इस पैकेज का एक अहम पहलू बच्चों पर फोकस होना है. इस पैकेज का एलान क़रीब एक हफ़्ते पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था जिसपर गुरुवार कैबिनेट की मुहर लग गई.


पैकेज का लक्ष्य



  • अगले कुछ महीनों में देशभर में 2,44,000 कोरोना बेड तैयार करना है

  • इसके साथ ही 20000 आईसीयू बेड तैयार करने का भी लक्ष्य है

  • इन आईसीयू बेड को ऐसे बनाया जाएगा जिससे 20 फीसदी बेडों का इस्तेमाल बच्चों के लिए हो सके

  • देश के 736 ज़िलों में Paediatrics Care Unit बनाने का भी लक्ष्य रखा गया है


इस पैकेज में 15000 करोड़ रुपए का योगदान केंद्र की ओर से, जबकि 8000 करोड़ रुपए का योगदान राज्यों की ओर से किया जाएगा. इसके तहत वैसे ज़िलों में 5000 और 2500 बेड वाले फील्ड अस्पताल बनाने का भी प्रावधान है जिनमें कोरोना की ज़्यादा संख्या हो जाए. पैकेज की एक बड़ी बात ये है कि देश के हर ज़िला अस्पताल में 10000 लीटर ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता विकसित की जाएगी. दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की जबरदस्त कमी महसूस की गई थी.


पैकेज के तहत आवंटित पैसों को 31 मार्च के पहले ख़र्च करने की योजना है. पिछले साल भी ऐसे ही एक योजना के तहत सरकार ने 15000 करोड़ रुपए ख़र्च किए थे. पैकेज का फ़ायदा ये हुआ कि देशभर में ऑक्सीजन बेडों की संख्या 50 हज़ार से बढ़कर 4 लाख तक पहुंच गई.


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