नई दिल्ली: बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए विस्तार में उत्तराखंड के कद्दावर नेता अजय भट्ट को रक्षा राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है. साऊथ ब्लॉक में अजय भट्ट को अहम जिम्मेदारी ऐसे समय में दी जा रही है जब सरकार के रक्षा सुधारों और खासतौर से थियेटर कमांड बनाने में बड़ी अड़चन आ गई है. अजय भट्ट ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली के साऊथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय में अपना कामकाज संभाला.

इस दौरान रक्षा सचिव, डॉक्टर अजय कुमार और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी आगवानी की. कामकाज संभालने के बाद अजय भट्ट ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. अजय भट्ट ने ट्वीट कर पीएम मोदी का भी धन्यवाद किया और प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' के अभियान को सफल बनाने का प्रण किया. अजय भट्ट उत्तराखंड की नैनीताल-उधमसिंह नगर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और पूर्व में उत्तराखंड सरकार में कैबिनट मंत्री रह चुके हैं.

कई अहम समिति के हैं सदस्य

वे उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभा चुके हैं. मौजूदा लोकसभा में सांसद होने के साथ-साथ अजय भट्ट रक्षा मामलों की संसदीय समिति के सदस्य भी हैं. वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति सहित कई अहम कमेटी के सदस्य भी हैं. आपको बता दें कि उत्तराखंड से सेना में बड़ी तादाद में सैनिक शामिल होते हैं और बड़ी संख्या में पूर्व-सैनिक भी मौजूद हैं. ऐसे में अजय भट्ट की जिम्मेदारी बेहद अहम हो जाती है.

थियेटर कमांड

हालांकि सरकार के सामने अभी बड़ी चुनौती देश में रक्षा सुधारों में आई एक बड़ी रुकावट है. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्रालय सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के एकीकरण थियेटर कमांड बनाने पर जोर दे रहे हैं. लेकिन वायुसेना ने थियेटर कमांड बनाने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. वायुसेना का कहना है कि देश में फिलहाल फाइटर जेट्स से लेकर टोही विमान और एयर डिफेंस सिस्टम कम हैं. ऐसे में युद्ध के समय में थियेटर कमांड के जरिए बड़ी मुश्किल आ सकती है.

खुद वायुसेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने सीडीएस, जनरल बिपिन रावत के उस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा है कि एयरफोर्स का अपना खुद का 'चार्टर' है और महज थलसेना की 'सपोर्टिंग आर्म' नहीं है. ऐसे में रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका की तरह भारत में भी थियेटर कमांड बनाने के लिए सरकार को एक नया विधेयक लाने की जरूरत पड़ सकती है. अगर ऐसा हो तो विधेयक को संसद से पारित कराना पड़ सकता है. 80 के दशक में थियेटर कमांड बनाने के दौरान अमेरिका के सैन्य कमांडर्स तैयार नहीं थे, जिसके बाद अमेरिकी संसद के गोल्डवाटर-निकोल्स डिफेंस एक्ट के जरिए थियेटर कमांड बनाई गईं थी.

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड से अजय भट्ट मोदी मंत्रिमंडल में शामिल, BJP की ब्राह्मण वोटों को बांधे रखने की कोशिश