Modi Cabinet Decisions: संसद के विशेष सत्र के बीच सोमवार (18 सितंबर) को मोदी कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दी. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लोकसभा और विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण को मंजूरी दी गई.


महिला आरक्षण विधेयक को 19 सितंबर यानी मंगलवार को नई संसद में पेश किया जा सकता है. सूत्रों ने बताया कि दोपहर एक बजे के बाद इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा. सरकार की कोशिश है कि इसे व्यापक चर्चा के बाद बुधवार (20 सितंबर) को पास करवाया जाए.


इससे पहले संसद का विशेष सत्र शुरू होने से ठीक पहले सोमवार (18 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसद का सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा, मूल्यवान और ऐतिहासिक निर्णयों का है.


...नैतिक साहस मोदी सरकार में ही था- केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल


केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट के माध्यम से महिला आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को धन्यवाद दिया है. उन्होंने लिखा, ''महिला आरक्षण की मांग पूरा करने का नैतिक साहस मोदी सरकार में ही था, जो कैबिनेट की मंजूरी से साबित हो गया. अभिनंदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मोदी सरकार का अभिनंदन.'' हालांकि पटेल ने बाद में अपना पोस्ट डिलीट कर दिया.






महिलाओं की एक बड़ी सभा को संबोधित कर सकते हैं पीएम मोदी- सूत्र


बीजेपी बुधवार (20 सितंबर) या फिर उसके एक दिन बाद महिलाओं की एक बड़ी सभा दिल्ली या दिल्ली से जुड़े राजस्थान के किसी शहर में कर सकती है. सभा को खुद पीएम मोदी संबोधित कर सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि इस पूरे कार्यक्रम को फिलहाल गुप्त रखा गया है.


हजारों की संख्या में दिल्ली आ सकती हैं महिलाएं


सूत्रों ने बताया कि महिला आरक्षण विधेयक पास होने पर दिल्ली के आसपास के इलाकों से हजारों की तादात में महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देने के लिए दिल्ली आ सकती हैं. दरअसल, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर जो सांसद आए थे वो दिल्ली के आसपास (एनसीआर) के थे. सूत्रों के मुताबिक, सांसदों को दिल्ली के आसपास के संसदीय क्षेत्रों से महिलाओं को लाने की जिम्मेदारी दी गई है.


लोकसभा में अभी महिला सांसदों का प्रतिशत क्या है?


मौजूदा लोकसभा में 78 महिला सांसद हैं, जो कुल संख्या 543 का 15 प्रतिशत से भी कम हैं. आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी सहित कई राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से कम है.


बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों में कांग्रेस, बीजू जनता दल (BJD) और भारत राष्ट्र समिति (BRS) सहित कई दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को पेश करने की मांग की है.


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