100 मिलियन यूज़र्स वाली भारतीय पेमेंट कंपनी मोबिक्विक हैकरों के उन दावों की जांच कर रही है, जिसमे कहा गया था कि कंपनी के यूज़र्स के डेटा को उड़ा लिया गया है. इन डेटा में लोगों के मोबाइल नंबर, बैंक खाते का ब्योरा, ई-मेल और क्रेडिट कार्ड नंबर आदि शामिल हैं. मोबिक्विक की ओर से कहा गया कि कुछ यूज़र्स ने शिकायत की थी कि उनका डेटा डार्क वेब वेबसाइट पर देखा जा रहा है. इसके बाद इसकी जांच शुरू हुई. कंपनी की ओर से कहा गया कि ऐसा संभव हो सकता है क्योंकि कोई भी यूज़र अपना इनफार्मेशन कई प्लेटफार्म पर शेयर कर सकता है. ऐसे में यह कहना गलत होगा कि डार्क वेब पर जो जानकारी लीक हुई है, वो मोबिक्विक के माध्यम से हुई है.


मोबिक्विक की ओर से कहा गया कि पिछले महीने सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के साथ पूरी छानबीन के बाद यह पाया गया कि किसी तरह की कोई सूचना लीक नहीं हुई है. पिछले महीने ही पहली बार इस तरह की रिपोर्ट सामने आयी थी. कंपनी की ओर से यह भी कहा गया कि जाने-माने विशेषज्ञों के साथ कंपनी इस पर पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है. साथ ही यह तय करने की कोशिश की जा रही है कि आगे से किसी तरह की सिक्योरिटी की समस्या पैदा न हो. जो आरोप लगाए गए हैं, उसे लेकर अतिरिक्त सावधानी के साथ थर्ड पार्टी सिक्योरिटी डेटा ऑडिट कराने पर भी जोर दिया जा रहा है. मोबिक्विक ने यह भी कहा कि कंपनी डेटा सुरक्षा को बेहद गंभीरता से ले रही है और डेटा सुरक्षा प्रावधानों के पालन को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है.


मोबिक्विक ने यह भी दावा किया है कि उसके यूज़र्स के एकाउंट्स पूरी तरह सुरक्षित हैं. कंपनी ने कहा कि वित्तीय रूप से संवेदनशील डेटा को पूरी तरह एन्क्रिप्टेड फॉर्म में रखा जाता है. आपके वॉलेट बैलेंस, क्रेडिट कार्ड, और डेबिट कार्ड का किसी तरह दुरुपयोग नहीं किया जा सकता. OTP केवल आपके मोबाइल नंबर पर आएगा, लिहाज़ा किसी तरह के दुरुपयोग का सवाल ही नहीं उठता. मोबिक्विक ने कहा कि यूज़र्स को डार्क वेब के किसी भी लिंक को क्लिक नहीं करना चाहिए. साथ ही मोबिक्विक ने कहा कि हम सुरक्षित डिजिटल इंडिया के लिए समर्पित हैं.