MM Naravane Retires Today: चीन से हुई गलवान घाटी की लड़ाई और पिछले दो साल से एलएसी पर चल रहे विवाद के दौरान भारतीय सेना की कमान संभालने वाले थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे आज रिटायर हो गए. जनरल नरवणे ने शनिवार को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना यानि भारतीय सेना की कमान जनरल मनोज पांडे को सौंप दी. 


शनिवार की सुबह अपने कार्यकाल के आखिरी दिन जनरल एम एम नरवणे ने सबसे पहले नेशनल वॉर मेमोरियल पर वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद थलसेना प्रमुख अपनी पत्नी और परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ साउथ ब्लॉक पहुंचे. यहां पहुंचने पर जनरल नरवणे को आखिरी बार थलसेना प्रमुख के तौर पर सेना की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. गार्ड ऑफ ऑनर के बाद जनरल नरवणे सेना मुख्यालय पहुंचे और थलसेना की कमान सह-सेना प्रमुख, जनरल मनोज पांडे को सौंप दी. 


सीडीएस का पद खाली पड़ा है


खास बात ये है कि जनरल नरवणे के रिटायरमेंट तक इस बात के कयास लगते रहे कि सरकार उन्हें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि सीडीएस पद के लिए उपयुक्त पाती है या नहीं. क्योंकि जनरल विपिन रावत की हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई मौत के बाद से ही सीडीएस का पद खाली पड़ा है. जनरल रावत के बाद सबसे सीनियर मिलिट्री कमांडर होने के नाते उनके सीडीएस बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर थी. लेकिन उनके रिटायरमेंट के आखिरी दिन तक सरकार ने नए सीडीएस की घोषणा नहीं की है. 


1980 में सेना की सिख लाईट (सिखलाई) इंफेंट्री से अपने सेवाएं देने वाले जनरल नरवणे को चीन मामलों को जानकार माना जाता था. सेना प्रमुख का पदभार संभालने के महज पांच महीने के भीतर ही कोरोना महामारी के दौरान पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारतीय सेना का चीन की पीएलए-आर्मी से विवाद शुरू हो गया था. ये विवाद इतना बढ़ा कि पूर्वी लद्दाख की ही गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं में लड़ाई शुरू हो गई. दोनों तरफ से गोलियां तो नहीं चली लेकिन लाठी-डंडों और मध्यकालीन हथियारों की जबरदस्त लड़ाई हुई. इस लड़ाई में भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू सहित 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए और करीब 100 सैनिक घायल हुए. लड़ाई में चीनी सेना को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. हालांकि चीनी सेना ने कभी खुलकर अपना नुकसान नहीं बताया. चीन के सरकारी मीडिया ने मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या पांच बताई. 


जनरल मनोज पांडे के लिए होगी चुनौती


गलवान घाटी की हिंसा के बाद एलएसी पर शांति कायम करने के लिए दोनों देश की सेनाओं के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 15 दौर की बैठक हुई. इन मीटिंग का नतीजा ये हुआ कि पिछले दो साल से किसी बड़े टकराव की खबर तो नहीं आई लेकिन विवाद कायम है. दोनों देशों की सेनाएं कई इलाकों से पीछे भी हट गई हैं. लेकिन एलएसी के पैट्रोलिंग पॉइंट (पीपी) 15 पर अभी टकराव चल रहा है. नए ‌सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के लिए एलएसी पर शांति कायम रखना एक बड़ी चुनौती होगी. क्योंकि पाकिस्तान से सटी एलओसी पर जनरल नरवणे के कार्यकाल में ही सीजफायर एग्रीमेंट हो चुका है. फरवरी 2021 से लेकर अब तक एलओसी पर शांति कायम है और युद्धविराम का उल्लंघन लगभग ना के बराबर हुआ है. कश्मीर घाटी में भी पूरी तरह शांति स्थापित करना जनरल पांडे के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.


यह भी पढ़ें.


Single Use Plastic: सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्प पर स्टार्टअप शुरू करने वालों की दिल्ली सरकार करेगी मदद


Maharashtra: महानगर गैस ने CNG के दाम चार रुपये बढ़ाए, रसोई गैस की कीमतों में नहीं की वृद्धि