Mizoram's CM on Myanma: मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने म्यांमा पर बड़ा बयान  देते हुए कहा  कि भारत को अपने  पड़ोसी देश म्यांमा में शांति बहाल करने के लिए वहां के सैन्य अधिकारियों और विभिन्न जातीय समूहों के साथ बातचीत करनी चाहिए. बता दे कि  म्यांमा के साथ भारत 1,600 किलोमीटर से अधिक लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है.


मुख्यमंत्री  ने शनिवार को दिल्ली से आने के बाद मीडिया से  बात करते हुए कहा, ‘‘हमें म्यांमा के कुछ धड़ों से अनुरोध प्राप्त हुए हैं कि भारत को वहां शांति स्थापित करने के लिए मध्यस्थता करनी चाहिए, जहां सेना ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है. यह हमारे देश के लिए बातचीत फिर से शुरू करने का एक सुनहरा अवसर है. जैसा कि हम अतीत में वहां शांति बहाली का काम कर चुके हैं.’’




अजीत डोभाल के साथ म्यांमा भी गए थे मुख्यमंत्री
जोरामथंगा ने कहा कि वह कुछ साल पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ एक शांति मिशन पर म्यांमा गए थे. जोरामथंगा ने राज्य में म्यांमा से आने वाले शरणार्थियों की संख्या बढ़ने और पड़ोसी देश में राजनीतिक संकट को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की.

जल्द ही मिलेंगे असम और मिजोरम के मुख्यमंत्री
गौरतलब है कि मिजोरम और असम के बीच रहे सीमा विवाद पर दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री 19 सितंबर को ही मिलने वाले थे. यह मुलाकात दिल्ली के असम हाउस में होना था, लेकिन कुछ जरूरी काम आ जाने के कारण असम के मुख्यमंत्री वापस अपने राज्य आ गए . इसके वजह से इस मुलाकात को कुछ समय के लिए टाला गया है.बता दें कि पिछले साल जुलाई में दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद काफी हिंसक हो गया था. असम पुलिस के सात कर्मियों की मौत भी हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

 

ये भी पढ़े :