वॉशिंगटन: कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर एक बार आवाज तेज होने लगी है. क्या ये एक प्राकृतिक वायरस है या इसे लैब में बनाया गया? अमेरिका पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अब दावा किया है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) अपने नागरिक अनुसंधान के साथ-साथ सैन्य गतिविधियों में लगा हुआ था. इस सिद्धांत की नए सिरे से जांच के बीच ही लैब से कोविड महामारी का जन्म हुआ.


पोम्पिओ ने कहा, "मैं जो निश्चित रूप से कह सकता हूं वह यह है कि हम जानते हैं कि वे उस लैब के अंदर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से जुड़े प्रयासों में लगे हुए थे. इसलिए उन्होंने (चीन) जो दावा किया उसके साथ सैन्य गतिविधि की जा रही थी, वह सिर्फ अच्छा पुराना नागरिक शोध था."


उन्होंने आगे कहा "वे हमें यह बताने से इनकार करते हैं कि यह क्या था, उन्होंने उनमें से किसी की प्रकृति का वर्णन करने से इनकार कर दिया. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन तक पहुंच की अनुमति देने से इनकार कर दिया जब हमने वहां जाने की कोशिश की."


चीन वुहान लैब से लीक होने के आरोप की स्वतंत्र जांच पर खामोश
चीन ने बुधवार को यह सवाल टाल दिया कि क्या वह वुहान विषाणु विज्ञान संस्थान (डब्ल्यूआईवी) से कोविड के लीक होने के आरोपों की स्वतंत्र जांच की अनुमति देगा या नहीं. वहीं चीन के शोधार्थियों ने दावा किया है कि यह संक्रमण पैंगोलिन (एक प्रकार की छिपकली) से मनुष्य तक पहुंचा हो. 


कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर स्वतंत्र जांच की मांग अमेरिका की नई रिपोर्ट के बाद और तेज हुई है जिसमें कहा गया है कि डब्ल्यूआईवी के कुछ शोधकर्ता चीन द्वारा 30 दिसंबर 2019 को कोविड के आधिकारिक ऐलान से पहले ही बीमार पड़ गए थे. जांच की मांग पर सवालों के जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ समूह द्वारा कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर किए गए अध्ययन का हवाला दिया किंतु इस सवाल को टाल दिया कि कोविड-19 के डब्ल्यूआईवी से लीक होने के आरोपों की जांच बीजिंग पर सहमत होगा या नहीं. इस विशेषज्ञ समूह ने 14 जनवरी से 10 जनवरी के बीच वुहान और डब्ल्यूआईवी का दौरा किया था.


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