लखनऊ: अयोध्या के बहुचर्चित राम जन्मभूमि मंदिर के बुनियाद की डिजाइन का लेआउट अभी तक सामने नहीं आ सका है. हालांकि राम मंदिर की बुनियाद के लिए जमीन की सतह से 12 मीटर नीचे तक खुदाई हो चुकी है. यह खुदाई उस स्थान पर हो रही है जिस भूमि पर राम मंदिर का निर्माण किया जाना है, लेकिन अभी तक किस मटेरियल से बुनियाद के स्ट्रक्चर का काम शुरू किया जाना है और किस डिजाइन से राम मंदिर की बुनियाद तैयार की जाएगी, इसकी डिजाइन अभी तक फाइनल नहीं हुई है.


बता दें कि इसके पहले जमीन की सतह से 100 फीट नीचे तक पिलर्स को बोर किया गया था लेकिन टेस्टिंग के दौरान पिलर्स अपने स्थान से मुड़ ही नहीं गए थे बल्कि तिरछे भी हो गए थे. इस के बाद राम मंदिर के निर्माण के लिए बुनियाद की नई डिजाइन पर काम शुरू हुआ. इसके लिए भारत के बड़े विशेषज्ञों से राय भी ली गई और एक कमेटी का गठन भी किया गया लेकिन अभी तक राम मंदिर की बुनियाद के स्ट्रक्चर की नई डिजाइन और उस में प्रयोग किए जाने वाले मटेरियल की रिपोर्ट नहीं आ सकी है.


हालांकि यह तय हो चुका है कि जिस भूमि में राम मंदिर का निर्माण किया जाना है, उस पूरी भूमि को 50 फीट तक खोदा जाएगा. इस सतह पर मजबूत मिट्टी मिलेगी, वहीं राम मंदिर की बुनियाद का काम शुरू किया जाएगा. अब तक 12 मीटर तक खुदाई हो चुकी है और मजबूत मिट्टी भी मिल चुकी है लेकिन इसके ऊपर बुनियाद का स्ट्रक्चर किस तरह तैयार किया जाए, इसके लिए कोई प्लान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास नहीं है. इसके पीछे की वजह यह है की जिन एजेंसियों को राम मंदिर की बुनियाद डिजाइन का कार्य सौंपा गया था, उन्होंने अभी इसकी कोई डिजाइन नहीं सौंपी है.


यही नहीं, बुनियाद में किस मटेरियल का प्रयोग किया जाएगा अभी तक यह भी साफ नहीं है. राम मंदिर निर्माण समिति की अयोध्या में हुई बैठक के बाद यह तथ्य सामने आए हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा की मानें तो मार्च से राम मंदिर की बुनियाद निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा का कहना है कि नींव की खुदाई का काम 60% पूरा हो चुका है.


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