गोवा के मुख्यमंत्री (Goa CM) प्रमोद सावंत (Pramod Swant) ने कहा है कि प्रवासी भारतीय नागरिक कार्ड (OCI) प्राप्त करने के लिए समर्पण प्रमाणपत्र के बदले निरसन प्रमाणपत्र के एक वैध दस्तावेज होने संबंधी विदेश मंत्रालय के परिपत्र से हजारों गोवावासियों को राहत मिलेगी.


प्रमोद सावंत ने रविवार (22 अप्रैल) को सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह गोवा के लोगों के लिए एक बड़ी खबर है. उन्होंने चार अप्रैल, 2024 को जारी ज्ञापन को साझा किया जिसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने भारत के पूर्ववर्ती पुर्तगाली क्षेत्रों (गोवा, दमन और दीव) के उन भारतीय नागरिकों के मामले में समर्पण प्रमाण पत्र के बदले निरस्तीकरण प्रमाण पत्र को वैकल्पिक दस्तावेज के रूप के स्वीकार करने का फैसला किया, जिन्होंने पुर्तगाली राष्ट्रीयता कानून के अनुसार पुर्तगाली राष्ट्रीयता हासिल कर ली है और जिन्हें आरपीओ (क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय) ने समर्पण प्रमाणपत्र के बजाय निरस्तीकरण आदेश जारी किए हैं.


मुख्मंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने स्पष्टीकरण जारी किया है कि ओसीआई कार्ड प्राप्त करने के लिए समर्पण प्रमाणपत्र के बदले निरस्तीकरण प्रमाणपत्र भी एक वैध दस्तावेज होगा. उन्होंने कहा, 'मैं राज्य सरकार के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं. इस फैसले से हजारों गोवावासियों और उनके परिजन को बड़ी राहत मिलेगी.'


ओसीआई कार्ड क्या होता है?
ओसीआई कार्ड जीवन भर के लिए मान्य होता है. ओसीआई कार्ड एक तरह से भारत में जीवनभर रहने, काम करने और सभी तरह के आर्थिक लेन-देन की सुविधा प्रदान करता है. जिसके पास ओसीआई कार्ड होता है वह वह बिना वीजा के कभी भारत आ सकता है. यह कार्ड उनको दिया जाता है, जो या तो कभी भारत के नागरिक रहे हो या उनके माता-पिता भारत में रहे हों. हालांकि, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, नेपाल, ईरान और अफगानिस्तान जैसे कुछ ऐसे देश हैं, जहां के भारती मूल के लोगों को ओसीआई कार्ड की सुविधा नहीं मिल सकती है. ओसीआई कार्ड धारकों को वोट डालने और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं मिलता है. न ही वो खेती की जमीन खरीद सकते हैं और न ही सरकारी नौकरी या संवैधानिक पद पर हो सकते हैं.


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