नई दिल्ली: दिल्ली मनें जैसे एमसीडी चुनान की तारीख करीब आ रही है पार्टियों की रणनीति में तेजी आती जा रही है. इसीरणनीति का हिस्सा हैं दिल्ल के पूर्वांचली वोट जिसे कोई भी पार्टी छोड़ना नहीं चाहती.


दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी बिहार के रहने वाले हैं. दिल्ली में पूर्वाचल के रहने वाले लोगों की आबादी करीब चालीस लाख है. पूर्वांचल के वोटरों को अपने पाले में करने के लिए ही बीजेपी ने मनोज तिवारी को अध्यक्ष बनाया. अब मनोज तिवारी की धार को कमजोर करने के लिए आप ने अपने विधायकों की फौज पूर्वांचली वोटरों की बहुलता वाले इलाके में लगा दी है.


मनोज तिवारी के पूर्वांचल प्लान पर पानी फेरने के लिए आम आदमी पार्टी ने बड़ा प्लान तैयार किया है. पार्टी ने पूर्वांचल के वोटरों को अपने पाले में करने के लिए दर्जन भर नेताओं की फौज उतार दी है.


दिलीप पांडे के साथ ही कपिल मिश्रा, गोपाल राय, सोमनाथ भारती, वंदना कुमारी, संजीव झा जैसे दर्जन भर नेताओं को पार्टी ने पूर्वांचल के लोगों के बीच प्रचार के लिए लगाया है. विधानसभा के चुनाव में पूर्वांचल के वोटरों ने आम आदमी पार्टी का साथ दिया था.


इसी रणनीति को काटने के लिए बीजेपी ने बिहार के रहने वाले मनोज तिवारी को अपना अध्यक्ष बनाया. अब आम आदमी पार्टी को लग रहा है कि मनोज तिवारी कहीं उनके वोट बैंक में सेंध न लगा दे इसलिए उन मुद्दों को उठाने की तैयारी है जो सीधे पूर्वांचल के लोगों से जुड़े हैं.


क्या कहता है पूर्वांचलियों का गणित?
दिल्ली में पूर्वांचल के वोटरों की आबादी 40 लाख के आसपास है. 80 वार्ड में पूर्वांचल के लोग असर रखते हैं. बीजेपी कह रही है कि उनकी पार्टी तो मदन लाल खुराना के जमाने से पूर्वांचल के लोगों का ख्याल रख रही है


कहा जाता है कि दिल्ली में मेयर की कुर्सी का रास्ता पूर्वांचली वोटरों के मुहल्ले से होकर जाता है. यही वजह है कि कोई लिट्टी चोखा की पार्टी देकर वोटरों को लुभाने में लगा है तो कोई झुग्गियों में रात बीताकर वोटर की जुगाड़ लगा रहा है.