Manipur Violence: मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से शनिवार (24 जून) को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक नई दिल्ली में शुरू हो गई है. हिंसाग्रस्त राज्य की स्थिति का जायजा लेने के लिए अमित शाह ने बैठक बुलाई थी. 


बता दें कि, बैठक को लेकर अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एक ही गाड़ी में संसद पहुंचे. यह सर्वदलीय बैठक संसद के पुस्तकालय सभागार में हो रही है. अमित शाह ने मई की शुरुआत में हिंसाग्रस्त राज्य की चार दिवसीय यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने शांति की अपील की थी और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी. 


बैठक में कौन-कौन शामिल


बैठक में जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, बीजेपी नेता पिनाकी मिश्र, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास समेत अन्य नेता शामिल हैं. इस बैठक में केंद्र सरकार सभी दलों के नेताओं को हिंसा और उसकी वजहों के बारे में ब्रीफ करेगी. 


बैठक को लेकर विपक्ष का वार 


हालांकि, इस बैठक को लेकर विपक्ष की तरफ से कई सवाल उठाए गए थे. कांग्रेस ने गुरुवार (22 जून) को कहा था कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं तो ऐसे समय में मणिपुर के मामले पर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने का क्या मतलब है. विपक्षी नेता कई बार आरोप लगा चुके हैं कि पीएम मोदी ने हिंसा को लेकर अभी तक चुप्पी साधी हुई है. इन सबके बीच आज जारी बैठक को काफी अहम माना जा रहा है. 


बीजेपी कर चुकी है आरोपों का पलटवार


हालांकि, बीजेपी भी विपक्ष के आरोपों का पलटवार कर चुकी है. बीजेपी के आईटी विभाग के चीफ अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि मणिपुर में हिंसा कांग्रेस की विरासत है, क्योंकि जातीय संघर्ष के बीज तब बोए गए थे, जब कांग्रेस केंद्र और राज्य दोनों में सत्ता में थी. उन्होंने ट्वीट में दावा किया था कि कांग्रेस ने पहले सर्वदलीय बैठक की मांग की और अब जब इसकी घोषणा की गई है तो वह बैठक से ठीक दो दिन पहले इसका बहिष्कार करने का आधार बना रही है. 


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