Manipur Kuki: फ्लैग कोड ऑफ कंडक्ट, 2002 के उल्लंघन और गलत तरीके से तिरंगा झंडा पकड़ने के लिए मणिपुर के कुकी नागरिक समाज समूह ने माफी मांगी है. उग्रवादी संगठनों की ओर से बंद के एलान के बीच 15 अगस्त को मणिपुर ने 77वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया. सड़कों पर परेड निकाली गईं और अलग-अलग कार्यक्रम हुए. परेड के एक वीडियो की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हो रही है, जिसमें कुछ लोग गलत तरीके से तिरंगा पकड़े हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो को लेकर बवाल मचने के बाद कुकी समुदाय के एक समूह ने माफी मांगी और कहा कि उनका मकसद तिरंगे का अपमान करना नहीं था.
 
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, तीन महीने से जारी हिंसा में सबसे ज्यादा प्रभावित चुराचंदपुर में 15 अगस्त को कुकी लोगों ने  एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें युवक परेड कर रहे थे. इस दौरान उनके हाथ में तिरंगा झंडा भी था, जिसे उन्होंने तिरछा पकड़ा हुआ था. 


फ्लैग कोड ऑफ कंडक्ट, 2002 का उल्लंघन
जोमी काउंसिल स्टीयरिंग कमेटी ने कहा कि हमारे संज्ञान में आया कि फ्लैग कोड ऑफ कंडक्ट, 2002 या नेशनल ऑनर एक्ट, 1971 का उल्लंघन किया गया है, जैसा विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की ओर से आरोप लगाया गया है. वहीं, कुकी संगठन का कहना है कि उनका मकसद तिरंगे का अपमान करना नहीं था. उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी और कहा कि इससे भारतीय नागरिकों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.


मणिपुर में कई उग्रवादी संगठनों की ओर से मंगलवार को सुबह से शाम तक आम बंद का आह्वान करने और पिछले तीन महीनों में जातीय हिंसा में बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान होने के चलते मंगलवार को राज्य में स्वतंत्रता दिवस समारोहों का उत्साह फीका रहा. बंद के चलते राज्य के ग्रामीण इलाकों में और इंफाल के बड़े हिस्सों में दुकानें व बाजार बंद रहे एवं सड़कें सुनसान रहीं. हालांकि, फिर भी कुछ जगहों पर लोगों ने 77वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया. स्वतंत्रता दिवस के लिए दो दिनों से इंफाल में स्वतंत्रता दिवस समारोहों के लिए तैयारियां की जा रही थीं. शहर में मुख्य सड़कों और महत्वपूर्ण भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज लगाए गए और कुछ लोगों ने केंद्र के 'हर घर तिरंगा अभियान' में भी हिस्सा लिया और अपने आवास पर तिरंगा लगाया.


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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